"संगम": अवतरणों में अंतर

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==त्रिवेणी संगम इलाहाबाद==
'''प्रयागराज''' को जानने की कड़ी में आपको सबसे पहले '''[https://www.travelgyan.co.in/places-to-visit-in-prayagraj/ संगम]''' आना चाहिए.जी हां, जहां गंगा और यमुना नदियों का मिलन होता है, वहां आपको एक लकीर खींची हुई से दिख जाती है। गंगा का पानी जहां पूरी तरह से सफेद दिखता है, वहीं यमुना का पानी हरे रंग का नजर आता है। बताया जाता है कि सरस्वती नदी यहां विलुप्त है और गंगा और यमुना के नीचे धरातल के अंदर उसका अस्तित्व है। संगम में डुबकी लगाने से कहा जाता है कि किसी के भी सारे पाप धुल जाते हैं।
 
गंगा, यमुना और सरस्वती का पवित्र संगम क्षेत्र जहां प्रतिवर्ष माघ में और छठवें तथा बारहवें वर्ष अर्द्धकुंभ और कुंभ के नाम से विश्व का सबसे बड़ा आयोजन होता हैं। इस आयोजन में पुरे भारत देश के विभिन्न अंचलों से करोड़ों लोग यहां स्नान कर मोक्ष प्राप्ति लिए आते हैं। आस्था और मानव का इतना बड़ा संगम केवल संगम नगरी ही कर सकती है।
 
आपको बता दें यहां तीन हजार वर्षों से कुंभ का आयोजन होता आया है। कुम्भ में यहाँ साधू संतो, नागा बाबाओं का ताता लगा रहता है। आपको बता दें कि कुम्भ मेले के आयोजन के समय इस शहर की आबादी विश्व के किसी भी शहर की आबादी से सबसे ज्यादा होती है। कुम्भ मेले के आयोजन के लिए संगम के चरों ओर एक पूरा अस्थायी शहर बसाया जाता है।
 
[[इलाहाबाद]] का '''संगम''' हिन्दुओं के लिए पवित्र है।
प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा- यमुना और सरस्वती नदी का संगम है। धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक कुम्भ मेला प्रत्येक 12 वर्षों में यही लगता है। वर्ष 1948 में महात्मा गांधी समेत कई राष्ट्रीय नेताओं की राख का विसर्जन यही किया गया थी।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/संगम" से प्राप्त