"भारत के घोटालों की सूची (वर्ष के अनुसार)": अवतरणों में अंतर

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आजादी से अब तक देश में काफी बड़े [[घोटाला|घोटालों]] का इतिहास रहा है। नीचे [[भारत]] में हुए बड़े घोटालों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है-
 
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;PM CARES Fund घोटाला (2020)
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इस घोटाले में नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना महामारी के समय डोनेशन के अपने जेब में रख लिया । और RTI से जानकारी मांगने पर RTI के नियम बदल दिए ।
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;राफाल घोटाला (2017)
राफेल सौदा इतना बड़ा घोटाला है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । इस घोटाले में कमीशन कम से कम 30 प्रतिशत है । अनिल अंबानी को दिए गए 21,000 करोड़ रुपये केवल कमीशन हैं, कुछ और नहीं। आॅफसेट क़रार के ज़रिये अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को ‘दलाली (कमीशन)’ के रूप में 21,000 करोड़ रुपये मिले.
 
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;ONGC घोटाला(2015)
मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में संशोधित माइन्स एंड मिनरल्स एक्ट लाकर राज्य सरकारों को बाध्य किया कि वह 288 कच्चे लोहे के मिनरल ब्लॉक्स की खदानों की लीज की अवधि को बढ़ा दें। याचिकाकर्ता का आरोप है कि ऐसा केंद्र सरकार ने इसलिए किया क्योंकि इसकी एवज में उनकी पार्टी भाजपा को भारी रकम चंदे के रूप में दी गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार केंद्र के दबाव में गोआ ने 160, कर्नाटक ने 45 और उड़ीसा ने 31 खदानों की लीज की अवधि को बढ़ा दिया।
 
;नोटबंदी घोटाला (2016)
नोटबंदी मोदी सरकार का सबसे बड़ा घोटाला है। 8 नवम्बर को नोटबंदी से पहले उड़ीसा और बिहार में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नाम पर अरबों रुपये की जमीन खरीदी गयी और बीजेपी ने अपने कालेधन को ठिकाने लगा दिया
 
;[[चारा घोटाला]] : 1996 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले को पकड़ा और एफआईआऱ दर्ज करवाकर सीबीआई को जांच सौंपी | यह घोटाला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के मुख्यमंत्रित्व काल से चला आ रहा था | कहा जाता है कि सीबीआई ने राजनीतिक दबाव में आकर सिर्फ गवाही के आधार पर लालू प्रसाद यादव को मामले में फंसाया | चारा घोटाले में जगन्नाथ मिश्र को भी सजा हुई लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते उन्हे बेल मिल गई जबकि लालू प्रसाद की तबीयत अत्यधिक खराब होने पर भी नहीं मिली |