"भारत की न्यायपालिका": अवतरणों में अंतर

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'''भारतीय न्यायपालिका''' (Indian Judiciary) [[लोक-विधि|आम कानून]] (कॉमन लॉ) पर आधारित प्रणाली है। यह प्रणाली अंग्रेजों ने औपनिवेशिक शासन के समय बनाई थी। इस प्रणाली को 'आम कानून व्यवस्था' के नाम से जाना जाता है जिसमें न्यायाधीश अपने फैसलों, आदेशों और निर्णयों से कानून का विकास करते हैं।
 
१५ अगस्त 89601947 को स्वतंत्र होने के बाद २६ जनवरी १९५० से [[भारतीय संविधान]] लागू हुआ। इस संविधान के माध्यम से [[ब्रिटिश न्यायिक समिति]] के स्थान पर नयी न्यायिक संरचना का गठन हुआ था। इसके अनुसार, भारत में कई स्तर के तथा विभिन्न प्रकार के न्यायालय हैं। भारत का शीर्ष न्यायालय [[नई दिल्ली]] स्थित [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सर्वोच्च न्यायालय]] है जिसके मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति [[भारत के राष्ट्रपति]] के द्वारा की जाती है। नीचे विभिन्न राज्यों में [[उच्च न्यायालय]] हैं। उच्च न्यायालय के नीचे [[जिला न्यायालय]] और उसके अधीनस्थ न्यायालय हैं जिन्हें 'निचली अदालत' कहा जाता है।
 
भारत मे चार महानगरों में अलग अलग उच्चतम न्यायालय बनाने पर विचार किया जा रहा है क्योंकि [[दिल्ली]] देश के अनेक भौगोलिक भागों से बहुत दूर है तथा उच्चतम न्यायालय में कार्य का भार ज्यादा है।