"फ़िरोज़ाबाद": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 84:
मराठाओं ने सूबेदार लकवाददस को यहां नियुक्त किया,जिसने पुरानी तहसील के पास एक किले का निर्माण कराया जो वर्तमान में गाढ़ी के पास स्थित है|जनरल लेक और जनरल वेल्लजल्ल्य ने 1802 में फ़िरोज़ाबाद पर आक्रमण किया|ब्रिटिश शासन की शुरुआत में फ़िरोज़ाबाद इटावा जिले में था।लेकिन कुछ समय बाद यह अलीगढ़ जिले में संलग्न किया गया| जब 1832 में सादाबाद को नया ज़िला बनाया गया तो फ़िरोज़ाबाद को इस में सम्मिलित कर दिया गया|पर बाद में 1833 में फ़िरोज़ाबाद को आगरा में सम्मिलित कर दिया गया|1847 में लाख का व्यापर यहाँ बहुत फल-फूल रहा था|
1857 के स्वतंत्रा संग्राम में चंदवार के जमींदारो ने स्थानीय मलहो के साथ सक्रिय भाग लिया राजस्व ग्राम हिरनगांव निवासी क्रांतिकारी [[पंडित तेजसिंह तिवारी]] द्वारा 1857 क्रांति की लो को स्थानीय लोगों के दिलों में जलाते रहे प्रसिद्ध उर्दू कवि मुनीर शिकोहाबादी को ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार ने काला पानी की सजा सुनाई थी।इस शहर के लोगो ने 'खिलाफत आंदोलन', 'भारत छोड़ो आंदोलन' और 'नमक सत्याग्रह' में भाग लिया और राष्ट्रीय आंदोलनों के दौरान जेल गये|
1929 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ,1935 में सीमांत गांधी,१९३७ में पंडित जवाहरलाल नेहरू और १९४० में सुभाषचन्द्र बोस ने फ़िरोज़ाबाद के दौरे किये|
|