"भारतीय चित्रकला": अवतरणों में अंतर
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=== फाड़ चित्र ===
फाड़ चित्र एक प्रकार के लंबे मफलर के समान वस्त्रों पर बनाए जाते हैं। स्थानीय देवताओं के ये चित्र प्रायः एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाये जाते हैं। इनके साथ पारम्परिक गीतकारों की टोली जुड़ी होती है जो स्क्राल पर बने चित्रों की कहानी का वर्णन करते जाते हैं। इस प्रकार के चित्र [[राजस्थान]] में बहुत अधिक प्रचलित हैं और प्रायः [[भीलवाड़ा]] जिले में प्राप्त होते हैं। [https://easenex.blogspot.com/2019/06/what-is-fine-art-hindi.html फाड़
फाड़ चित्रों की प्रमुख विषयवस्तु देवताओं और इनसे संबंधित कथा-कहानियों से संबद्ध होती है, साथ ही तत्कालीन महाराजाओं के साथ संबद्ध कथानकों पर भी आधारित होती है। इन चित्रों में [https://easenex.blogspot.com/2019/06/what-is-fine-art-hindi.html कच्चे रंग] ही प्रयुक्त होते हैं। इन [https://easenex.blogspot.com/2019/06/what-is-fine-art-hindi.html फाड़
फड कला को पांचा जोशी ने शुरु किया था, तथा इनको इस कला का जनक कहा जाता है।
फड कला के लिए श्री लाल जोशी को 2006 मे पदमश्री पुरुसकार मिल चुका है।
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