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सम्पादन
(Important wordings and therefore poetry missing in stanza 6.) |
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:किस अरि मस्तक पर कहाँ नहीं
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:निर्भीक गया वह ढालों में
:सरपट दौडा करबालों में
:फँस गया शत्रु की चालों में
:बढ़ते नद सा वह लहर गया
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