"रामनरेश त्रिपाठी": अवतरणों में अंतर

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===साहित्य कृतित्व===
त्रिपाठी जी एक बहुमुखी प्रतिभा वाले साहित्यकार माने जाते हैं। द्विवेदी युग के सभी प्रमुख प्रवृत्तियाँ उनकी कविताओं में मिलती हैं। [[फतेहपुर, उत्तर प्रदेश|फतेहपुर]] में पं॰ त्रिपाठी की साहित्य साधना की शुरुआत होने के बाद उन्होंने उन दिनों तमाम छोटे-बडे बालोपयोगी काव्य संग्रह, सामाजिक उपन्यास और हिन्दी में [[महाभारत]] लिखे। उन्होंने हिन्दी तथा संस्कृत के सम्पूर्ण साहित्य का गहन अध्ययन किया। त्रिपाठी जी पर तुलसीदास व उनकी अमर रचना [[श्रीरामचरितमानस|रामचरित मानस]] का गहरा प्रभाव था, वह मानस को घर घर तक पहुँचाना चाहते थे। [[बेढब बनारसी]] ने उनके बारे में कहा था<ref name=":2">{{Cite thesis|type = पी. एच डी|first = के. गोपालन|last = नायर|title = श्री रामनरेश त्रिपाठी का व्यक्तित्व और कृतित्व|publisher = महात्मा गाँधी विश्वविद्यालय|year = १९९३|others = एले़डम, एन आर द्वारा मार्गदर्शन|language = हिंदी|url = http://www.mgutheses.in/page/about_book.php?q=T%20836|chapter = प्रथम अध्याय|page = ९|place = [[कोट्टयम|कोट्टायम]]|accessdate = 26 जून 2015|archiveurl = https://web.archive.org/web/20150626174413/http://www.mgutheses.in/page/about_book.php?q=T%20836|archivedate = 26 जून 2015|url-status = livedead}}</ref>..
{{quote|''तुम तोप और मैं लाठी <br>तुम रामचरित मानस निर्मल, मैं रामनरेश त्रिपाठी।''}}