"छत्तीसगढ़ के उत्सव": अवतरणों में अंतर

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== हरेली ==
हरेली यद्यपि खेतिहर-समाज का पर्व है फिर भी इसके दूसरे स्वरुप यानी तंत्र मंत्र वाले हिस्से को देवारों का वर्ग मानता है। जिस तरह छत्तीसगढ़ के ग्राम्यांचलों में बुरी-बलाओं को बाहर ही रखने नीम की पत्तियों को लवय की तरह इस्तेमाल करते है। उसी तरह देवार भी नीम की डंगालों का सहारा लेते है। सुअर डेरा के बाहर नीम की पत्तियां खोंसी जाती हैं। अपने संगीतिक उपकरण को भी हरेली पर पूजते हैं। लेकिन व्यापक तौर पर हरेली का उत्सव नहीं मनता।
 
[https://www.cgnewshindi.in/2020/07/hareli-chhattisgarh-ka-pahla-tyohar.html हरेली को छत्तीसगढ़ का प्रथम त्यौहार कहा जाता है,] यह त्यौहार मूल रूप से किसानों पर केंद्रित होता है जिसे किसानों द्वारा अपने फसल के सफलता पूर्वक प्रथम चरण पूर्ण होने की खुशी के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है। हरेली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास कृष्ण पक्ष आमावश्या को बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।
 
[[चित्र:Hareli Festival.jpg|thumb|हरेली के अवसर पर नीम के साथ एक ग्रामीण]]