"बकरा ईद": अवतरणों में अंतर

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07:45, 21 जुलाई 2020 का अवतरण

यह इस्लामिक त्यौहार है। जिसे हर वर्ष 10 ज़ु अल-हज्जा को नबी हज़रत इब्राहीम अलेहिस्सलाम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इसका नाम अरबी भाषा में ईद-उल-दुहा या ईद-उल-अदहा है। इस त्यौहार पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने महबूब जानवरों (हलाल) को ईश्वर (अल्लाह) के लिए कुर्बान करते हैं। इन जानवरों के मांस को तीन हिस्सों में बांटा जाता है।

1. पहला हिस्सा गरीब और असहाय लोगों तक पहुंचाया जाता है,ताकि वो लोग भी ईद का दिन अच्छी तरह खुशियों के साथ मना सकें।

2. दूसरा हिस्सा अपने निकट संबंधी (रिश्तेदारों) को पहुंचाया जाता है और उन्हें भी ईद की खुशियों में शामिल किया जाता है।

3. तीसरा हिस्सा अपने स्वयं के परिवार के लिए होता है जिसमें पूरे परिवार के लोग एकसाथ ईद का त्यौहार मनाते हैं।

बकरा ईद के दिन सुबह से मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह जाते हैं और ईद की नमाज अदा करते हैं। नमाज़ अदा करने के बाद सभी लोग एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबरकबाद देते हैं। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को दावत पर निमंत्रित करते हैं और एक दूसरे के घर जाकर ईद का त्यौहार मनाते हैं।