"रामनरेश त्रिपाठी": अवतरणों में अंतर
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'''अनुवाद''' : इतना तो जानो (अटलु तो जाग्जो - गुजराती से), कौन जागता है (गुजराती नाटक)।
उन्होने गाँव–गाँव, घर–घर घूमकर रात–रात भर घरों के पिछवाड़े बैठकर [[सोहर]] और [[विवाह गीत|विवाह गीतों]] को चुन–चुनकर लगभग १६ वर्षों के अथक परिश्रम से ‘कविता कौमुदी’ संकलन तैयार किया। जिसके ६ भाग उन्होंने १९१७ से लेकर १९३३ तक प्रकाशित किए।<ref name=":2" />
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