"विस और रामीन": अवतरणों में अंतर
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विस और रामीन ( फ़ारसी: ويس و رامين) एक शास्त्रीय फ़ारसी प्रेम कहानी है। 11 वीं शताब्दी में फखरुद्दीन असद गुरगनी (या "गोरगानी") द्वारा इस महाकाव्य की रचना की गई थी। गुरगनी क अनुसार यह कहानी सासानीय काल की थी, मगर अब इसे पहलवी काल की उत्पत्ति मानी जाती है, करीब शायद 1 शताब्दी ईस्वी की। [1] ऐसा भी माना गया है कि इस कहानी में दर्शाए गए रीती और रिवाज़ ठीक गुरगनी के समय के पूर्व के थे। इस बात को इसलिए भी नाकारा नहीं जा सकता क्युकी प्राचीन स्त्रोतों पर आधारित कहानियों में हर काल के लेखक अपने- अपने समय की छाप छोड़ ही देते है।[2]
कथा-सार
यह कहानी आधारित है शाहरू और कारेन की पुत्री विस की, जो माह कि राजकुमारी थी। माह ईरान क पश्चिम में था। और रामीन की जो भाई था पूर्वोत्तर ईरान में स्थित मार्व के शाह मोनिकन का। मोनिकन शाहरु को एक शाही जश्न में देखता है और उसकी सुंदरता से प्रभावित हो, शाहरू को शादी का प्रस्ताव देता है। मगर शाहरू बताती है कि वह पहले से ही शादीशुदा है, इसलिए वह मोनिकन से वादा करती है कि जब उसकी पुत्री होगी, तो वह अपनी पुत्री का विवाह उससे करवा देगी।
बाद में शाहरू एक लड़की को जन्म देती है जिसका नाम वह विस(विसेह)
- ↑ "Vis o Ramin". Encyclopaedia Iranica.
- ↑ Dick Davis (January 6, 2005), "Vis o Rāmin", in: Encyclopaedia Iranica Online Edition. Accessed on April 4, 2010.