"गुरु जम्भेश्वर": अवतरणों में अंतर

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'''गुरू जम्भेश्वर''' [[बिश्नोई]] संप्रदाय के संस्थापक थे। ये '''जाम्भोजी''' के नाम से भी जाने जाते है। इन्होंने 1508 में '''[[बिश्नोई]] ''' पंथ की स्थापना की। 'हरि' नाम का वाचन किया करते थे। हरि [[विष्णु|भगवान विष्णु]] का एक नाम हैं। बिश्नोई शब्द मूल रूप से वैष्णवी शब्द से निकला है, जिसका अर्थ है :- विष्णु से सम्बंधित अथवा विष्णु के उपासक। गुरु जम्भेश्वर का मानना था कि [[भगवान]] सर्वत्र है। वे हमेशा [[वृक्ष|पेड़]] पौधों की तथा जानवरों की रक्षा करने का संदेश देते थे। इन्होंने समराथल धोरा पर [[विक्रम संवत]] के अनुसार [[कार्तिक]] माह में 8 दिन तक बैठ कर तपस्या की थी।
 
इनका जन्म [[राजस्थान]] के [[नागौर]] परगने के पीपासर गांव में सन् 1451 में हुआ था।
 
में हुआ था।
 
[[File:Mukam Tomb.JPG|thumb|250px| गुरु जम्भेश्वर का मन्दिर मुकाम, बीकानेर, [[राजस्थान]] ]]