"वर्साय की सन्धि": अवतरणों में अंतर
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==परिचय==
[[पेरिस शांति सम्मेलन]] में अनेकानेक संधियों एवं समझौतों का
जर्मनी को किसी भी तरह संधि पर हस्ताक्षर करना ही था। जर्मन राजनीतिज्ञों ने गंभीरता के साथ संधि के मसविदे पर विचार किया और 26 दिनों के बाद अपनी तरफ से साठ हजार शब्दों का एक विरोधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया। जर्मनी ने इस बात की शिकायत की थी कि उसने जिन शर्तों पर आत्मसमर्पण किया था, प्रस्तावित संधि में उन सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। उनका कहना था कि जर्मनी की नयी सरकार पूर्ण रूप से प्रजातांत्रिक है और [[राष्ट्र संघ|राष्ट्रसंघ]] की सदस्यता के लिए इच्छुक है। निरस्त्रीकरण की शर्त केवल जर्मनी पर ही नहीं, अपितु समस्त राज्यों पर लागू की जानी चाहिए। विश्वयुद्ध के लिए एकमात्र जर्मनी को जिम्मेदार ठहराना गलत है। जर्मन प्रस्ताव में यह भी कहा गया था कि संधि की सभी शर्तों को मानना असंभव है। एक बड़े राष्ट्र को कुचलकर तथा उसे गुलाम बनाकर स्थायी शांति स्थापित नहीं की जा सकती।
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