"हिन्दू धर्म में गौतम बुद्ध": अवतरणों में अंतर

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'''हिन्दु ग्रंथो से अवतार के प्रमाण –'''
'''बुद्ध धम्म के अनुसार बुद्ध कोई अवतार नहीं वो एक इंसान थे, बुद्ध उन बेकार के विषयो में कभी भी नहीं पड़ते थे जिनसे मनुष्य का हित न हो।'''
 
बुद्धावतार भगवान् विष्णु के दश अवतारों में ९वाँ अवतार और चौबीस अवतारों में से तेईसवें अवतार माने गए हैं।
अब जाने की ब्राह्मणी धर्म/ हिन्दू धर्म/ सनातन धर्म में बुद्ध के क्या विचार हैं-
 
मान्यतानुसार गौतम बुद्ध को ही बुद्धावतार माना जाता है परन्तु पुराणों के विस्तृत अध्ययन से ज्ञात होता है कि गौतम तथा बुद्ध दोनो भिन्न व्यक्ति थे।
<u>तथागत गौतम बुद्ध को हिन्दू धर्म के भविष्य पुराण में राक्षस कहा गया है।</u>
 
भागवत स्कन्ध १ अध्याय ६ के श्लोक २४ में —
'''गौतम बुद्ध''' को भी [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के [[वैष्णव सम्प्रदाय]] में को [[विष्णु|भगवान विष्णु]] का [[अवतार]] माना जाता है।
 
ततः कलौ सम्प्रवृत्ते सम्मोहाय सुरद्विषाम्। बुद्धोनाम्नाजनसुतः कीकटेषु भविष्यति॥
[[दशावतार]] में वर्तमान में ९वाँ अवतार बुद्ध को माना जाता है। भविष्य में अंतिम [[कल्कि अवतार]] होगा। [[चित्र:Viṣṇu_as_Buddha_making_gesture_of_dharmacakrapravartana_flanked_by_two_disciples.jpg|अंगूठाकार|394x394पिक्सेल|गौतम बुद्ध, विष्णु के अवतार के रूप में]]बुद्ध का उल्लेख सभी प्रमुख [[पुराण|पुराणों]] तथा सभी महत्वपूर्ण हिन्दू ग्रन्थों में हुआ है। इन ग्रन्थों में मुख्यतः बुद्ध की दो भूमिकाओं का वर्णन है- युगीय धर्म की स्थापना के लिये नास्तिक (अवैदिक) मत का प्रचार तथा पशु-बलि की निन्दा। नीचे उन कुछ पुराणों में बुद्ध के उल्लेख का सन्दर्भ दिया गया है-
 
कल्कि पुराण में वर्णन है कि —
[[हरिवंश पर्व]] (1.41)
 
शुद्धोदनस्तमालोक्य महासारं रथायुतैः
[[विष्णु पुराण]] (3.18)
 
प्रावृतं तरसा मायादेवीमानेतुमाययौ
[[भागवत पुराण]] (1.3.24, 2.7.37, 11.4.23) [7]
 
. बौद्धा शौद्धोदनाद्यग्रे कृत्वा तामग्रतः पुनः
[[गरुड़ पुराण]] (1.1, 2.30.37, 3.15.26) [8]
 
योद्धुं समागता म्लेच्छकोटिलक्षशतैर्वृताः | (कल्कि पुराण])
[[अग्निपुराण]] (16)
 
अर्थात – जब कल्कि जी बौद्धों और म्लेच्छों का विनाश करने लगेंगे तो बुद्ध, उनके पिता शुद्धोदन तथा माता मायादेवी पुनः प्रकट होंगे तथा म्लेच्छों के साथ मिलकर कल्कि जी से युद्ध करेंगे | इसी युद्ध के वर्णन के अंतर्गत वर्णन है कि जब शुद्धोदन हार कर मायादेवी को बुलाने चला गया तो बौद्धों ने शुद्धोदन के पुत्र का आश्रय लेकर लाखों करोड़ों म्लेच्छों कि सहायता से युद्ध करना आरम्भ किया |
[[नारदीय पुराण]] (2.72)
 
[[लिङ्ग पुराण|लिंगपुराण]] (2.71)
 
'''बोद्ध ग्रंथो से अवतार के प्रमाण –'''
[[पद्म पुराण]] (3.252)[9]
 
(१) ललितविस्तार सुत्त अध्याय ७ –
तथापि हिन्दू ग्रंथों में जिन बुद्ध की चर्चा हुई है वे शाक्य मुनि (गौतम) से भिन्न हैं-
 
तेन च सम पेन हिमवत .वज्र दृढ अभेद नारायण आत्मभावो गुरुवीर्यब्लोपत सोकम्पय : सर्वसत्तोन्त्य
: ''बुद्धोनाम्नाजनसुतः कीकटेषु भविष्यति'' ([[श्रीमद्भागवत]])
 
अर्थात – बल वीर्य और वज्र देह के साथ नारायण स्वयम बुद्ध रूप में प्रकट हुए |
इस भागवतोक्त श्लोकानुसार बुद्ध के पिता का नाम 'अजन' और उनका जन्म 'कीकट' (प्राचीन?) में होने की भविष्यवाणी की गयी है। जबकि बौद्ध ग्रन्थों के अनुसार गौतम बुद्ध के पिता का नाम शुद्धोदन था और उनका जन्म वर्तमान नेपाल में हुआ था।
 
(२) हेमाद्रि व्रतखंड अध्याय १५
 
शुद्धोदनेन बुद्धोSभुत स्वयम पुत्रो जनार्दन
 
अर्थात – जनार्दन (भगवान विष्णु ) स्वयम शुद्धोधन के पुत्र बुद्ध के रूप में प्रकट हुए |
 
इसके अलावा बोद्ध लेखक क्षेमेन्द्र अपने दशावतार चरित्रम नाम के ग्रन्थ में बुद्ध का वर्णन विष्णु के ९ अवतार के रूप में करता है | दशरथ जातक बोद्ध रामायण में राम को बुद्ध का पूर्वकालिक जन्म बताया है | अर्थात बुद्ध पूर्व जन्म में श्री राम जी थे | श्रीलंकाई बोद्ध ग्रन्थ लंकावतार सुत्त में रावणों दशग्रीवोदशानन्द तथागत वाले प्रथम सुत्त में रावण को बुद्ध का अनुयायी बोद्धिसत्व बताया है |[[चित्र:Viṣṇu_as_Buddha_making_gesture_of_dharmacakrapravartana_flanked_by_two_disciples.jpg|अंगूठाकार|394x394पिक्सेल|गौतम बुद्ध, विष्णु के अवतार के रूप में]]
 
==सन्दर्भ==