"क्रियाप्रसूत अनुबंधन": अवतरणों में अंतर
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पुनर्बलन की सहायता से व्यवहार को वांछित दिशा मे प्रेरित किया जा सकता है अर्थात प्रतिक्रियाओं द्वारा व्यवहार में परिवर्तन किया जा सकता है । प्रतिक्रिया को पुनर्बलन की सहायता से मजबूत किया जा सकता है । पुनर्बलन का प्रभाव प्रतिक्रिया की सम्भावना को बढा देता है । यदि किसी प्रतिक्रिया के बाद कोई भी पुनर्बलन प्राप्त नहीं होता तो बालक उस क्रिया को सीखने के लिए प्रेरित नहीं होता क्रिया प्रसूत अनुबंधन में प्राणी को यह अवसर प्रदान किया जाता है कि वह सक्रियता के साथ अपना कार्य करे ।
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