"तारणपंथ": अवतरणों में अंतर

जय जिनेन्द्र
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 2:
'''तारण पंथ''', का अर्थ है तारने वाला पंथ या मोक्षमार्ग।तारण पंथ अनादि काल से है और अनंत काल तक रहेगा जिसका कोई संस्थापक नहीं।
तारण पंथ की प्रवर्तना तीर्थंकर परमात्मा करते हैं।
तारण पंथ में कई ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने अपनी साधना कै अनुभव पर धर्म जगत को समझाया।इन आचार्यों की सूची में अग्रणी हैं-सोलहवीं सदी के महान भावलिंगी वीतरागी दिगंबर श्रमण [[आचार्य श्रीमद् जिन [[संत तारण तरण देवस्वामी]] जी महाराज
 
==विवरण==