"उत्तराखण्ड का इतिहास": अवतरणों में अंतर
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=== पिथौरागढ़ ===
यहां के निकट एक गांव में मछली एवं घोंघो के [[जीवाश्म]] पाये गये हैं जिससे इंगित होता है कि पिथौरागढ़ का क्षेत्र हिमालय के निर्माण से पहले एक विशाल झील रहा होगा। हाल-फिलहाल तक पिथौरागढ़ में
पिथौरागढ़ के आसपास्द चार कोटें हैं जो भाटकोट, डूंगरकोट, उदयकोट तथा ऊंचाकोट हैं।
पिथौरागढ़ के इतिहास का एक अन्य विवादास्पद वर्णन है। एटकिंस के अनुसार, चंद वंश के एक सामंत पीरू गोसाई ने पिथौरागढ़ की स्थापना की।
ऐसा लगता है कि चंद वंश के राजा भारती चंद के शासनकाल (वर्ष १४३७ से १४५०) में उसके पुत्र रत्न चंद ने नेपाल के
चंदों ने अधिकांश कुमाऊँ पर अपना अधिकार विस्तृत कर लिया जहां उन्होंने वर्ष १७९० तक शासन किया। उन्होंने कई छोटे-छोटे कत्यूरी राजाओं,कबीलों, को परास्त किया तथा पड़ोसी राजाओं से युद्ध भी किया ताकि उनकी स्थिति सुदृढ़ हो
वर्ष १८१५ में गोरखा शासकों के शोषण का अंत हो गया जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने उन्हें परास्त कर कुमाऊँ पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया। एटकिंस के अनुसार, वर्ष १८८१ में पिथौरागढ़ की कुल जनसंख्या ५५२ थी। अंग्रेज़ों के समय में यहां एक सैनिक छावनी, एक चर्च तथा एक मिशन स्कूल था। इस क्षेत्र में क्रिश्चियन मिशनरी बहुत सक्रिय थे। वर्ष १९६० तक अंग्रजों की प्रधानता सहित पिथौरागढ़, अल्मोड़ा जिले का एक तहसील था जिसके बाद यह एक जिला बना। वर्ष १९९७ में पिथौरागढ़ के कुछ भागों को काटकर एक नया जिला चंपावत बनाया गया तथा इसकी सीमा को पुनर्निर्धारित कर
== गढ़वाल का इतिहास ==
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