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'''सीतामढ़ी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sitamarhi'') भारत गणराज्य के [[बिहार]] प्रान्त के [[तिरहुत]] प्रमंडल मे स्थित एक शहर एवं [[जिला]] है।यह सांस्कृतिक [[मिथिला]] क्षेत्र का प्रमुख शहर है जो पौराणिक आख्यानों में [[सीता]] की जन्मस्थली के रूप में उल्लिखित है।<ref>[जानकी उत्पत्ति महात्म्य, लेखक : राम स्वार्थ सिंह पूनम, पृष्ठ संख्या:24]</ref> त्रेतायुगीन आख्यानों में दर्ज यह [[हिंदू]] तीर्थ-स्थल [[बिहार]] के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।<ref>{{Cite web|url=http://www.yatrasalah.com/photogallary.aspx?gallery=261|title=yatrasalah.com - Informationen zum Thema yatrasalah.|website=www.yatrasalah.com|accessdate=1 मार्च 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20140202105212/http://www.yatrasalah.com/photogallary.aspx?gallery=261|archive-date=2 फ़रवरी 2014|url-status=dead}}</ref> सीता के जन्म के कारण इस नगर का नाम पहले सीतामड़ई, फिर सीतामही और कालांतर में सीतामढ़ी पड़ा। यह शहर लक्षमना (वर्तमान में [[लखनदेई नदी|लखनदेई]]) नदी के तट पर अवस्थित है। रामायण काल में यह मिथिला राज्य का एक महत्वपूर्ण अंग था। १९०८ ईस्वी में यह [[मुजफ्फरपुर]] जिला का हिस्सा बना। स्वतंत्रता के पश्चात972पश्चात 1972 में [[मुजफ्फरपुर]] से अलग होकर यह स्वतंत्र जिला बना। बिहार के उत्तरी [[गंगा]] के मैदान में स्थित यह जिला [[नेपाल]] की सीमा पर होने के कारण संवेदनशील है। [[बज्जिका]] यहाँ की बोली है लेकिन [[हिंदी]] और [[उर्दू]] राजकाज़ की भाषा और शिक्षा का माध्यम है। यहाँ की स्थानीय संस्कृति, रामायणकालीन परंपरा तथा धार्मिकता नेपाल के [[तराई]] प्रदेश तथा [[मिथिला]] के समान है। त्रेतायुगीन आख्यानों में दर्ज यह हिंदू तीर्थ-स्थल बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। वर्तमान समय में यह तिरहुत कमिश्नरी के अंतर्गत [[बिहार]] राज्य का एक जिला मुख्यालय और प्रमुख पर्यटन स्थल है।
 
== संक्षिप्त इतिहास ==