"करैत": अवतरणों में अंतर

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#सर्पदंश1 आज भारत मे पाए जाने वाले प्रमुख चार विषधर साँपो में से #करैत के बारे में जानने का प्रयास करते है आखिर “करैत" सबसे खतरनाक साँप क्यों है? नाग और रसेल वाईपर जैसे चार्मफुल विषधरों के देश में एक बेहद शर्मिला, छिपकर रहनेवाला साँप 'करैत' क्यों इतना खतरनाक माना जाता है। किसी भी स्नेक हैंडलर से पूछ कर देखें, किसी सर्प विशेषज्ञ से बोलकर देखें, एकमत से इस सांप से बचकर रहने की सलाह देंगे। क्या इसका जहर नाग से तेज है, इसलिए ? नहीं। कोई शक नहीं, करैत का जहर नाग से 6-7 गुणा तेज होता है। इसकी ज...
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'''करैत''' (Common Krait / Bungarus caeruleus) करैत सापों की प्रजाति है जो भारतीय उपमहाद्वीप के जंगलों में पायी जाती है। यह अत्यन्त विषैला सर्प है। भारत के सबसे खतरनाक चार सर्पों में से एक है।'''<ref>Gopalakrishnakone, Chou, P, LM (1990). Snakes of Medical Importance (Asia-Pacific Region). Singapore: Venom and Toxin Research Group National University of Singapore and International Society on Toxinology (Asia-Pacific section). pp. 284–285. ISBN 9971-62-217-3.</ref>'''इस श्रेणी के सर्प ज्यादातर रात में ही निकलते हैं
#सर्पदंश1
आज भारत मे पाए जाने वाले प्रमुख चार विषधर साँपो में से #करैत के बारे में जानने का प्रयास करते है
 
आखिर “करैत" सबसे खतरनाक साँप क्यों है?
नाग और रसेल वाईपर जैसे चार्मफुल विषधरों के देश में एक बेहद शर्मिला, छिपकर रहनेवाला साँप 'करैत' क्यों इतना खतरनाक माना जाता है। किसी भी स्नेक हैंडलर से पूछ कर देखें, किसी सर्प विशेषज्ञ से बोलकर देखें, एकमत से इस सांप से बचकर रहने की सलाह देंगे।
 
क्या इसका जहर नाग से तेज है, इसलिए ? नहीं। कोई शक नहीं, करैत का जहर नाग से 6-7 गुणा तेज होता है। इसकी जहर का एक बूंद नाग-गेंहूअन के 6-7 बून्द के बराबर है। पर नाग इसके मुकाबले में काटते समय जहर ज्यादा छोड़ते हैं। और इस तरह मामला बराबर हो जाता है।
 
असली कारण कुछ और है। सबसे पहली बात की जहां सारे विषैले सांप चेतावनी देते हैं, ये सांप कोई चेतावनी नहीं देता। यह चुप्पा सांप है। सीधे काटता है। इधर दबा, उधर काटा। कोई रियायत नहीं। कोई फुफकार, कोई सिटी, कोई झुनझुने बाजी नहीं। इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते हैं।
 
इसके अलावे सिर्फ मध्य रात्रि से अर्ली मॉर्निंग सक्रिय जब आदमी गहरी नींद में होता है। बिस्तर में घुसने की इसे खास आदत है। ह्यूमन बॉडी की गर्माहट और धड़कन की वाइब्रेशन, जिसे सांप आसानी से सुन लेते हैं, इसे बिस्तर की ओर आकर्षित करता है। इसकी बाईट स्पष्ट नहीं दिखती, मच्छर के काटने जैसी महसूस नहीं होती, और कोई दर्द नहीं होता, न स्वेल्लिंग होती है। कभी दो बिंदु तो कभी सिर्फ खरोच जैसा निशान रह जाता है। नींद में सोया आदमी सोचता है कि चूहे या छुछुन्दर ने काटा है। क्योंकि जलन भी नहीं होती। तो आदमी पुनः सो जाता है। यहीं पहली चूक होती है।
 
लक्षण 4-5 घण्टे बाद आते हैं। पेट में ऐंठन,नसों में जलन, फिर सब गायब। फिर सीधे मरीज को निंद जैसा आभास... कोमा में और मौत।
 
अब करैत के काटने की सबसे खास बात जो इसे सबसे खतरनाक बनाती है। ड्राई बाईट। या false bite. करैत कभी ड्राई बाईट नहीं करता, मतलब काटे तो बिना जहर इंजेक्ट किये नहीं छोड़ता। जहाँ नाग-गेंहूअन की 80% दंश ड्राई बाईट होते हैं, रसेल वाईपर के 20% , वहीं करैत जब भी काटता है, वेनम शरीर में डाल देता है। हालांकि, यह जरूर है कि काटना नहीं चाहता, पर अगर दब जाए तो जम के काटता है, दो-तीन बार भी काट लेता है। और काटता है तो जहर जरूर छोड़ता है। इसका न्यूरो-टॉक्सिक विष का अगर एन्टी-वेनम से इलाज नहीं किया गया, तो मौत निश्चित है। भारत मे बहुतायत पाया जानेवाला यह सर्प साक्षात काल है।
 
== इन्हें भी देखें ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/करैत" से प्राप्त