"कुलपति": अवतरणों में अंतर

Tugs duh d
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन campaign-external-machine-translation
छो 2409:4043:2518:323D:44B6:4B74:A749:5F7 (Talk) के संपादनों को हटाकर SM7Bot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 6:
: '''‘मुनीनां दशसाहस्रं योऽन्नदानादि पोषाणात। अध्यायपति विप्रर्षिरसौ कुलपति: स्मृत:।’ '''
 
स्पष्ट है, जो ब्राह्मण ऋषि दस हजार मुनि विद्यार्थियों को अन्नादि द्वारा पोषण करता हुआ उन्हें विद्या पढ़ाता था, उसे ही 'कुलपति' कहते थे। ऊपर उद्धृत 'स्मृतः' hhffffhhtj शब्द के प्रयोग से यह साफ दिखाई देता है कि कुलपति के इस विशिष्टार्थग्रहण की परंपरा बड़ी पुरानी थी। कुलपति का साधारण अर्थ किसी कुल का स्वामी होता था। वह कुल या तो एक छोटा और अविभक्त परिवार हो सकता था अथवा एक बड़ा और कई छोटे छोटे परिवारों का समान उद्गम वंशकुल भी। अंतेवासी विद्यार्थी कुलपति के महान विद्यापरिवार का सदस्य होता था और उसके मानसिक और बौद्धिक विकास का उत्तरदायित्व कुलपति पर होता था; वह छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य और सुख की भी चिंता करता था।
 
आजकल 'कुलपति' शब्द का प्रयोग विश्वविद्यालय के 'वाइसचांसलर' के लिए किया जाता है।
 
== सन्दर्भ ==