"चौघडिया": अवतरणों में अंतर

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[[File:Hindu calendar 1871-72.jpg|thumb|भारतीय एव्ं वेदिक रितियों के अनुसार दरशाया गया एक चोघडिया]]
'''चौघडिया''' भारत के पश्चिम राज्यों में किया जाता है। क्रय-विक्रय करने के लिये इस मुहुर्त का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। इसके अन्तर्गत समय को रोग, उद्धोग, चर, लाभ, अमृत, काल, शुभ, चाल आदि में बांटा जाता है। चौघडिया मुहूर्त क्योंकि सूर्योदय पर आधारित है, इसलिये प्रत्येक शहर के लिये इसके समय में बदलाव आता रहता है[[कुण्डली]]है।
 
'चौघडिया क्या है
 
चौघडिया में 24 घण्टों को 16 घटियों में बांटां जाता है। एक घटी (घडी) लगभग 22 मिनट 20 सैकेन्ड की होती है। एक मुहूर्त में चार घटियां (घडियां) ली जाती है। चार घटियों से ही इसका नाम "चौघडी" पड़ा है। इस प्रकार के 08 मुहूर्त दिन में तथा 08 मुहूर्त रात्रि में आते हैं। इसमें प्रत्येक मुहुर्त लगभग 1.30 घण्टे का होता है। यह मुहूर्त निकालने का सबसे आसान तरीका है। प्रत्येक सप्ताह में दिन -रात्रि के मिलाकर कुल 112 मुहूर्त बनते हैं।