"मोमीन अंसारी": अवतरणों में अंतर

और कुछ बाबर के वक़्त में हिंदुस्तान आये थे। जिन्हें शेख अंसारी
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वैसे तो इस्लाम मे अंसारियो का [[इतिहास-लेख|इतिहास]] बहुत पुराना है। लेकिन ये [[मुहम्मद|'''पैगम्बर मोहम्मद''']] के समय मे अल अंसार कहलाये और इन्होंने पैगम्बर मोहम्मद की बहुत मदद की है। और इस्लाम के खातिर जिहाद किया है।
मानो के एक [[जिहाद|जिहादी]] का दूसरा नाम ही [https://web.archive.org/web/20160825200829/https://en.m.wikipedia.org/wiki/Ansar_(Islam) अंसार] था। अंसार है/अंसार का मानी हुआ। है मदद करने वाला और इस्लाम के लिए जिहाद करने वाला ज्यादा तर '''[[इस्लाम]]''' के लिए लड़ायां अंसारो ने ही लड़ी है।
और ये लोग अशराफ होते है।और अंसरियो को अंसारी सौदागर/अंसारी अरवी भी कहा जाता है।जब अरब में खलीफा चुना जाता था तो अंसारो की राय जरूर ली जाती थी और इन का फैसला आखरी फैसला होता था। अनगिनत मुस्लिम किताबो में इन का उल्लेख है
 
 
 
भारत मे अंसार। [[मुहम्मद बिन क़ासिम|बादशाह मोहम्मद बिन कासिम]] की अगुबाई में आये थे।और गजवाये हिन्द करके कुछ बापस चले गए और कुछ यही इस्लाम की शिक्षा देने अथवा धर्म प्रचार करने के लिए राह गए और कुछ वयापार करने के लिए रुक गए।और कुछ बाबर के वक़्त में हिंदुस्तान आये थे। जिन्हें शेख अंसारी कहा जाता है।और जो मोहम्मद बिन कासिम के वक़्त में आये थीथे। उन्हें अंसारी सौदागर कहा जाता है
भारत मे आने वाले सबसे पसिद्ध अंसारी 712ईसवी में [https://en.m.wikipedia.org/wiki/Tamim_al-Ansari ख्वाजा तमीम अल-अंसार] थे उनके साथ हजारो मुसलमान व्यापार करने और धर्म प्रचार करने,के लिए भारत आये।और यही पर हमेशा के लिए वस गए।और उसके बाद अंसारियो में एक से बढ़ कर एक स्कालर और पीर हुए।
[[ख्वाजा अब्दुल,ख्वाजा रौशन पीर ,ख्वाजा लतीफ]] आदि हुए।