"राजा राममोहन राय": अवतरणों में अंतर

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Early life
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राजा राममोहन राय की दूर‍दर्शिता और वैचारिकता के सैकड़ों उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। [हिन्दी] के प्रति उनका अगाध स्नेह था। वे रू‍ढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्ट्र गौरव उनके दिल के करीब थे। वे स्वतंत्रता चाहते थे लेकिन चाहते थे कि इस देश के नागरिक उसकी कीमत पहचानें।
 
बचपन में ही इनके पिता ने इन्हे घर से निकाल दिया क्यूकि इन्होंने धार्मिक आडंबर के खिलाफ जाकर बात कर दी थी।
 
फिर वे अपने भाई के पास रहने चले आए । भाई को पिता और भाभी को माता मनाने बाले राजा राम मोहन राय को झटका तब लगा जब महामारी के कारण उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गए इससे पहले कि वो कुछ समझ पाते लोगो ने उनकी भाभी को सती प्रथा के तहत् भाई के साथ ही जिंदा जला दिए।
 
मोहन राय के लाख रोने चिलाने से भी लोग नहीं माने उसी दिन इन्होंने प्रण किया कि ना जाने इस प्रथा के कारण कितने पुत्र अपने मा से, भाई अपने बहन से, पिता अपने पुत्री से और कई लोग बिछड़ गए मैं इस प्रथा को खत्म कर के ही रहूंगा।
 
== जीवनी ==