"राजा राममोहन राय": अवतरणों में अंतर

Early life
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फिर वे अपने भाई के पास रहने चले आए । भाई को पिता और भाभी को माता मनाने बाले राजा राम मोहन राय को झटका तब लगा जब महामारी के कारण उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गए इससे पहले कि वो कुछ समझ पाते लोगो ने उनकी भाभी को सती प्रथा के तहत् भाई के साथ ही जिंदा जला दिए।
 
मोहन राय के लाख रोने चिलाने से भी लोग नहीं माने उसी दिन इन्होंने प्रण किया कि ना जाने इस प्रथा के कारण कितने पुत्र अपने मा से, भाई अपने बहन से, पिता अपने पुत्री से और कई लोग बिछड़ गए मैं इस प्रथा को खत्म कर के ही रहूंगा।रहूंगा।संपादक(मनीष)
 
== जीवनी ==