"भूमिहार": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 12:
"भूमिहार ब्राह्मण" का वर्णन पंचगौड़ ब्राह्मणों की वंशावली बताने वाले ग्रंथ "वृहत्त कान्यकुब्ज वंशावली" में है।
*मंत्र :- '''सरयूपारी सनाड्यश्चं भूमिहारो जिझौतिया| प्राकृताश्चय इति पञ्च भेदा स्तस्य प्रकृतिया:||
*अर्थात् :- सरयूपारीन, सनाड्य, भूमिहार, जिझौतिया और प्राकृत कनौजिया ये पांच श्रेष्ठ कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं, जो पंच गौड़ ब्राह्मण के अंतर्गत आते हैं।
पंक्ति 18:
ब्राह्मण ग्रंथों के अनुसार 10 प्रकार के ब्राह्मण होते हैं। ये ब्राह्मण पंच द्रविड़ ब्राह्मण और पंच गौड़ ब्राह्मण के नाम से जाने जाते हैं।
*मंत्र :-
पंच द्रविड़ ब्राह्मण = जो विंध्याचल के दक्षिण में पाये जाते हैं या जिनका मूल निवास है उन्हें पंच द्रविड़ ब्राह्मण कहा जाता है, वे निम्न हैं :-
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