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[[File:Baby Krishna Sleeping Beauty.jpg|thumb|बाल कृष्ण]]
'''कृष्णजन्माष्टमी''' भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सवजनमोत्सव है। भगवान कृष्ण, विष्णु जी के आठवें अवतार थे, जिन्होंने भाद्रपद की अष्टमी तिथि को मानव रूप में इस पृथ्वी पर अवतार लिया था। योगेश्वर कृष्ण के भगवद्गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी को भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में जन्म लिया। इसलिये भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है।]
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आज के दिन मथुरा पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जाता है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और रासलीला का आयोजन होता है।]
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विष्णु धर्म के अनुसार आधी रात के समय रोहिणी में जब कृष्णाष्टमी हो तो उसमें कृष्ण का अर्चन और पूजन करने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है।
भृगु ने कहा है- जन्माष्टमी, रोहिणी और शिवरात्रि ये पूर्वविद्धा ही करनी चाहिए तथा तिथि एवं नक्षत्र के अन्त में पारणा करें। इसमें केवल रोहिणी उपवास भी सिद्ध है। अन्त्य की दोनों में परा ही लें।
 
== ऐसे करे श्री कृष्णा की पूजा और ये है पूजा विधि ==
'''ये है [https://web.archive.org/web/20200704070519/https://festival202x.com/janmashtami-puja-vidhi-in-hindi-and-puja-samagri.html पूजा विधि]'''
 
सबसे पहले चौकी पर लाल/पीला कपडा बिछाये।
 
भगवान कृष्णा की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखे।
 
अब श्रद्धा अनुसार दीपक या धूपबत्ती जलाये।
 
भगवान श्री कृष्ण से पूजा को स्वीकार करने की प्रार्थना करें।
 
श्री कृष्णा को पंचामृत से स्नान कराये और उसके बाद गंगा जल से भी स्नान कराये।
 
अब श्री कृष्णा को वस्त्र पहनाये और उनका श्रृंगार करें।
 
भगवान श्री कृष्णा को चन्दन या रोली का टिका लगाए, साथ ही साथ चावल भी लगाए।
 
सबसे पहले गणेश जी और उसके बाद श्री कृष्णा की आरती करे। आप अपनी इच्छा अनुसार अन्य भगवान की भी आरती कर सकते है।
 
श्री कृष्णा का भोग लगाने के लिए उनकी पसंदीदा माखन और मिस्री रखे, अन्यथा अपनी इच्छा अनुसार कुछ और भी रख सकते है। भगवान श्री कृष्णा के भोग में तुलसी को जरूर रखे।
 
== मोहरात्रि ==