"ईद अल-अज़हा": अवतरणों में अंतर
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इस तरह एक रेगिस्तान में बसना उनकी और उनके पूरे परिवार की कुर्बानी थी जब इस्माइल बड़े हुए तो उधर से एक काफिला (कारवां) गुजरा और इस्माइल का विवाह उस काफिले (कारवां) में से एक युवती से करा दिया गया फिर प्ररांम्भ हुआ एक वंश जिसे इतिहास में इश्माइलिट्स, या वनु इस्माइल के नाम से जाना गया। हजरत मुहम्मद साहब का इसी वंश में जन्म हुआ था।
ईद उल अजहा के दो संदेश है पहला परिवार के बड़े सदस्य को स्वार्थ के परे देखना चाहिए और खुद को मानव उत्थान के लिए लगाना चाहिए ईद उल अजहा यह याद दिलाता है कि कैसे एक छोटे से परिवार में एक नया अध्याय लिखा गया।<ref>{{Cite web|url=https://www.jagran.com/bihar/sitamarhi-festival-of-bakrid-today-celebrate-happiness-but-do-not-shake-hands-or-embrace-20579309.html|title=बकरीद का त्योहार आज, खुशियां मनाएं मगर न हाथ मिलाएं न गले मिलें|website=Dainik Jagran|language=hi|access-date=2020-08-01}}</ref>
==अन्य भाषाओं में देशों में नाम ==
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