"पदार्थ": अवतरणों में अंतर

पहली विधि:- तापमान में परिवर्तन करके हम पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन कर सकते हैं उदाहरण के लिए जब हम द्रव को गर्म करते हैं या उसके तापमान में वृद्धि करते हैं तो वह गैस में परिवर्तित हो जाता है। दूसरी विधि:- दाब में परिवर्तन करके हम पदार्थ के अवस्था में परिवर्तन कर सकते हैं उदाहरण के लिए जब हम सिलेंडर के पिस्टन को दबाते हैं तब सिलेंडर के अंदर उपस्थित गैस पर दाब लगने के कारण गैस के सभी कण पास पास मैं आ जाते हैं जिसके कारण वह गैस से द्रव और द्रव से ठोस बन जाता है।
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=== द्रव ===
द्रव में कणों के मध्य बन्धन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकर नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है। द्रवों में बहाव होता है और इनका आकार बदलता है, इसलिए यह दृढ़ नहीं लेकिन तरल होते हैं। द्रव में बहाव होते हैं और इनका आकर बदलते हैं, इसलिए यह दृढ़ नहीं लेकिन तरल होते हैं।द्रव में बहाव होते हैं और इनका आकर बदलते हैं, इसलिए यह दृढ़ नहीं लेकिन तरल होते हैं।
 
=== गैस ===
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[[File:पदार्थ की बदलती अवस्थाए.PNG|thumb|पदार्थ की बदलती अवस्थाए]]
पदार्थ तीन भौतिक अवस्था में रह सकते है :- ठोस अवस्था, द्रव अवस्था और गैस अवस्था।
उदाहरण के तौर पर, पानी बर्फ के रूप में ठोस अवस्था में रह सकता है, पानी के रूप में द्रव अवस्था में रह सकता है और भाप के रूप में गैस अवस्था में रह सकता है। पदार्थ की अवस्था परिवर्तन करने के लिए हम दो विधि द्वारा कर सकते हैं,
पहली विधि:- तापमान में परिवर्तन करके हम पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन कर सकते हैं उदाहरण के लिए जब हम द्रव को गर्म करते हैं या उसके तापमान में वृद्धि करते हैं तो वह गैस में परिवर्तित हो जाता है।
दूसरी विधि:- दाब में परिवर्तन करके हम पदार्थ के अवस्था में परिवर्तन कर सकते हैं उदाहरण के लिए जब हम सिलेंडर के पिस्टन को दबाते हैं तब सिलेंडर के अंदर उपस्थित गैस पर दाब लगने के कारण गैस के सभी कण पास पास मैं आ जाते हैं जिसके कारण वह गैस से द्रव और द्रव से ठोस बन जाता है।
 
==भारतीय दर्शन में पदार्थ==