"सिंघण": अवतरणों में अंतर
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नया पृष्ठ: सिंघण (1210-1247 ई.) यादव वंश के जैत्रपाल प्रथम का पुत्र था। वह यादव वंश... टैग: large unwikified new article मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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'''सिंघण''' (1210-1247 ई.)
==साम्राज्य विस्तार==
सिंघण ने अपने साम्राज्य की सीमाओं को विस्तार देने के लिए कई महत्त्वपूर्ण सैनिक अभियान किये और युद्ध लड़े। होयसल वंश के राजा कि विजय के बाद सिंघण ने उत्तर दिशा में विजय यात्रा के लिए प्रस्थान किया। गुजरात पर उसने कई बार आक्रमण किए और मालवा को अपने अधिकार में लाकर काशी और मथुरा तक विजय यात्रा की। इतना ही नहीं, उसने कलचुरी राज्य को परास्त कर अफ़ग़ान शासकों के साथ भी युद्ध किए, जो उस समय उत्तर भारत के बड़े भाग को अपने स्वामीत्व में ला चुके थे।
कोल्हापुर के शिलाहार, बनवासी के कदम्ब और पांड्य देश के राजाओं को भी सिंघण ने आक्रान्त किया और अपनी इन दिग्विजयों के उपलक्ष्य में कावेरी नदी के तट पर एक 'विजय स्तम्भ' की स्थापना की। इसमें सन्देह नहीं कि यादव राज सिंघण एक विशाल साम्राज्य का निर्माण करने में सफल हुआ था और न केवल सम्पूर्ण दक्षिणापथ अपितु कावेरी तक का दक्षिण भारत और विंध्याचल के उत्तर के भी कतिपय प्रदेश उसकी अधीनता में आ गए थे।
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