"अवध": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:India Awadh locator map.svg|thumb|right|300 px|अवध]]
'''अवध''' वर्तमान [[उत्तर प्रदेश]] के एक भाग का नाम है जो प्राचीन काल में [[कोशल]] कहलाता था। इसकी राजधानी "अयोध्या" थी। अवध शब्द अयोध्या से ही निकला है। अवध की राजधानी प्रांरभप्रारम्भ में "अयोध्या" थी किंतुकिन्तु बाद कोमें [[लखनऊ]] आई थी। अवध पर [[अवध के नवाब|नवाबों]] का आधिपत्य था जो प्राय:प्रायः स्वतंत्र थे,थे। क्योंकिचूंकि अवध के नवाब [[शिया इस्लाम|शिया]] मुसलमान थे अत:अतः अवध में इसलाम के इस संप्रदाय को विशेष संरक्षण मिला। [[उर्दू भाषा|उर्दू]] कविता का भी प्रसिद्ध केंद्र रहा। दिल्ली केंद्र के नष्ट होने पर बहुत से दिल्ली के भी प्रसिद्ध उर्दू कवि लखनऊ वापस चले आए थे। अवध की पारम्परिक राजधानी [[लखनऊ]] है।
 
भौगोलिक रूप से अवध की आधुनिक परिभाषा - [[लखनऊ]], [[सुलतानपुर जिला|सुल्तानपुर]], [[रायबरेली]], [[उन्नाव]], [[कानपुर]], [[भदोही]], [[इलाहाबाद|प्रयागराज]], [[बाराबंकी]],[[अयोध्या]], [[अम्बेडकर नगर]], [[प्रतापगढ़ जिला, उत्तर प्रदेश|प्रतापगढ़ ]], [[बहराइच]], [[बलरामपुर]], [[गोण्डा|गोंडा]], [[हरदोई]], [[लखीमपुर, उत्तर प्रदेश|लखीमपुर खीरी]], [[कौशाम्बी (बहुविकल्पी)|कौशाम्बी]], [[सीतापुर]], [[श्रावस्ती]] उन्नाव, फतेहपुर, कानपुर, (जौनपुर, और मिर्जापुर के पश्चिमी हिस्सों), कन्नौज, पीलीभीत, शाहजहांपुर से बनती है। प्राचीन काल में आवध की राजधानी "अयोध्या" थीं।
 
*रॉयल हिन्दू टीम अवधप्रांत*
और गोंडा जिले के फेसबुक पर अपनी एक अलग छवि बनाने वाले मणिकांत राजन (राजन तिवारी) ने अपने कुछ मित्रों के साथ एक what's app ग्रुप का निर्माण किया । जिसमे ओ खुद और अपने मित्रों को " मानवता ही असली धर्म है" का उद्देश्य देते हुए का किसी भी धर्म की बुराई नहीं करनी चाहिए , सबको अपने धर्म की आज़ादी है। ......रॉयल हिन्दू टीम अवध प्रांत (Royal hindu team awadh prant)
 
== इतिहास ==
सन् 1764 ई. में [[बक्सर का युद्ध|बक्सर के युद्ध]] में अवध के नवाब हार गए, परंतुपरन्तु लार्ड क्लाइव ने अवध उनको लौटा दिया, केवल इलाहाबाद और कड़ा जिलों को क्लाइव ने मुगल सम्राट् [[शाहआलम]] को दे दिया। वारेन हेस्टिंग्ज़ ने पीछे नवाब की सहायता करके रुहेलखंड को भी अवध में सम्मिलित करा दिया और शाहआलम से अप्रसन्न होकर प्रयागराज और कड़ा को अवध के नवाब के सुपुर्द कर दिया। 1775 ई. में अंग्रेजों ने अवध के नवाब से बनारस का जिला ले लिया और 1801 में रुहेलखंड ले लिया। इस प्रकार अवध कभी बड़ा, कभी छोटा होता रहा।
 
1856 में अंग्रेज़ों ने अवध को अपने अधिकार में कर लिया। 1857 के विद्रोह में अवध अंग्रेजों के हाथ से निकल गया था परंतु डेढ़ वर्ष की लड़ाई में अंतिम विजय अंग्रेजों की हुई। 1902 में आगरा और अवध के प्रांतों को एक में मिलाकर नया प्रांत बनाया गया जिसका नाम आगरा और अवध का "संयुक्त प्रांत" रखा गया, लिसे संक्षेप में "संयुक्त प्रांत" अथवा अंग्रेजी में केवल "यू.पी." कहा जाता था। इसी प्रांत का नामकरण उत्तर प्रदेश हो गया है जिसे अंग्रेजी में लिखे नाम के आदि अक्षरों के आधार पर अब भी "यू.पी." कहा जाता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/अवध" से प्राप्त