"नीम": अवतरणों में अंतर

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[[File:Azadirachta indica MHNT.BOT.2007.40.124.jpg|thumb|नीम की निबौली]]
 
'''[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ नीम]''' भारतीय मूल का एक पर्ण- पाती वृक्ष है। यह सदियों से समीपवर्ती देशों- [[पाकिस्तान]], [[बांग्लादेश]], [[नेपाल]], [[म्यान्मार|म्यानमार]] ([[म्यान्मार|बर्मा]]), [[थाईलैण्ड|थाईलैंड]], [[इंडोनेशिया]], [[श्रीलंका]] आदि देशों में पाया जाता रहा है। लेकिन विगत लगभग डेढ़ सौ वर्षों में यह वृक्ष [[भारतीय उपमहाद्वीप]] की भौगोलिक सीमा को लांघ कर [[अफ़्रीका|अफ्रीका]], [[ऑस्ट्रेलिया|आस्ट्रेलिया]], [[दक्षिण पूर्व एशिया]], दक्षिण एवं मध्य [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमरीका]] तथा दक्षिणी प्रशान्त [[द्वीपसमूह]] के अनेक उष्ण और उप-उष्ण कटिबन्धीय देशों में भी पहुँच चुका है। इसका वानस्पतिक नाम ''[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ Azadirachta indica]'' है। नीम का वानस्पतिक नाम इसके संस्कृत भाषा के निंब से व्युत्पन्न है।
 
== [http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ वर्णन] ==
[[चित्र:Neem (Azadirachta indica) leaves & flowers in Kolkata W IMG 6199.jpg|left|thumb| फूल व पत्तियाँ [[कोलकाता]], [[पश्चिम बंगाल]], [[भारत]].]]
[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ नीम] एक तेजी से बढ़ने वाला [[पतझड़ी|पर्णपाती]] पेड़ है, जो 15-20 मी (लगभग 50-65 फुट) की ऊंचाई तक पहुंच सकता है और कभी-कभी 35-40 मी (115-131 फुट) तक भी ऊंचा हो सकता है। नीम गंभीर सूखे में इसकी अधिकतर या लगभग सभी पत्तियां झड़ जाती हैं। इसकी शाखाओं का प्रसार व्यापक होता है। तना अपेक्षाकृत सीधा और छोटा होता है और व्यास में 1.2 मीटर तक पहुँच सकता है। इसकी छाल कठोर, विदरित (दरारयुक्त) या शल्कीय होती है और इसका रंग सफेद-धूसर या लाल, भूरा भी हो सकता है। रसदारु भूरा-सफेद और अंत:काष्ठ लाल रंग का होता है जो वायु के संपर्क में आने से लाल-भूरे रंग में परिवर्तित हो जाता है। [[जड़ (वनस्पति)|जड़]] प्रणाली में एक मजबूत मुख्य मूसला जड़ और अच्छी तरह से विकसित पार्श्व जड़ें शामिल होती हैं।
 
20-40 सेमी (8 से 16 इंच) तक लंबी प्रत्यावर्ती पिच्छाकार पत्तियां जिनमें, 20 से लेकर 31 तक गहरे हरे रंग के पत्रक होते हैं जिनकी लंबाई 3-8 सेमी (1 से 3 इंच) तक होती है। अग्रस्त (टर्मिनल) पत्रक प्राय: उनुपस्थित होता है। पर्णवृंत छोटा होता है। कोंपलों (नयी पत्तियाँ) का रंग थोड़ा बैंगनी या लालामी लिये होता है। परिपक्व पत्रकों का आकार आमतौर पर असममितीय होता है और इनके किनारे दंतीय होते हैं।
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नीम के पेड़ों की व्यवसायिक खेती को लाभदायक नहीं माना जाता। [[मक्का]] के निकट तीर्थयात्रियों के लिए आश्रय प्रदान करने के लिए लगभग 50000 नीम के पेड़ लगाए गए हैं।{{Fact}}
[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ नीम का पेड़] बहुत हद तक चीनीबेरी के पेड़ के समान दिखता है, जो एक बेहद जहरीला वृक्ष है।
 
[[चित्र:Hareli Festival.jpg|thumb|हरेली पर्व के अवसर पर नीम के साथ छत्तीसगढ़ का एक ग्रामीण]]
 
== [http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ पारिस्थितिकी] ==
[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ नीम] का पेड़ सूखे के प्रतिरोध के लिए विख्यात है। सामान्य रूप से यह उप-शुष्क और कम नमी वाले क्षेत्रों में फलता है जहाँ वार्षिक वर्षा 400 से 1200 मिमी के बीच होती है। यह उन क्षेत्रों में भी फल सकता है जहाँ वार्षिक वर्षा 400 मिमी से कम होती है पर उस स्थिति में इसका अस्तित्व भूमिगत जल के स्तर पर निर्भर रहता है। नीम कई अलग-अलग प्रकार की मिट्टी में विकसित हो सकता है, लेकिन इसके लिये गहरी और रेतीली मिट्टी जहाँ पानी का निकास अच्छा हो, सबसे अच्छी रहती है। यह [[ऊष्णकटिबन्ध|उष्णकटिबंधीय]] और उपउष्णकटिबंधीय जलवायु में फलने वाला वृक्ष है और यह 22-32° सेंटीग्रेड के बीच का औसत वार्षिक [[तापमान]] सहन कर सकता है। यह बहुत उच्च तापमान को तो बर्दाश्त कर सकता है, पर 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान में मुरझा जाता है। नीम एक जीवनदायी वृक्ष है विशेषकर तटीय, दक्षिणी जिलों के लिए। यह सूखे से प्रभावित (शुष्क प्रवण) क्षेत्रों के कुछ छाया देने वाले (छायादार) वृक्षों में से एक है। यह एक नाजुक पेड़ नहीं हैं और किसी भी प्रकार के पानी मीठा या खारा में भी जीवित रहता है। [[तमिल नाडु|तमिलनाडु]] में यह वृक्ष बहुत आम है और इसको सड़कों के किनारे एक छायादार पेड़ के रूप में उगाया जाता है, इसके अलावा लोग अपने आँगन में भी यह पेड़ उगाते हैं। [[शिवकाशी]] (सिवकासी) जैसे बहुत शुष्क क्षेत्रों में, इन पेड़ों को भूमि के बड़े हिस्से में लगाया गया है और इनकी छाया में [[आतिशबाज़ी|आतिशबाजी]] बनाने के कारखाने का काम करते हैं।
 
== [http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ उपयोग] ==
{{Refimprove|date=सितंबर 2015}}
नीम एक बहुत ही अच्छी [[वनस्पति]] है जो की भारतीय [[पर्यावरण]] के अनुकूल है और भारत में बहुतायत में पाया जाता है। आयुर्वेद में नीम को बहुत ही उपयोगी पेड़ माना गया है। इसका स्वाद तो कड़वा होता है लेकिन इसके फायदे अनेक और बहुत प्रभावशाली है। <ref>{{cite web |url=http://zeenews.india.com/hindi/news/%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%A4/%E0%A4%95%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%B5%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A2%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AD/164850 |title=कड़वे नीम के ढेरों लाभ |language=en |publisher=Zeenews.india.com |date=2013-03-28 |accessdate=2020-01-26 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150221080805/http://zeenews.india.com/hindi/news/%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%A4/%E0%A4%95%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%B5%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A2%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AD/164850 |archive-date=21 फ़रवरी 2015 |url-status=live }}</ref><ref>{{cite web |url=http://www.amarujala.com/feature/lifestyle/health-fitness/home-remedies/health-benefits-of-neem/ |title=Health Benefits Of Neem - नीम के ये 5 फायदे नहीं जानते होंगे आप - Amar Ujala Hindi News Live |publisher=Amarujala.com |date= |accessdate=2020-01-26 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150221091136/http://www.amarujala.com/feature/lifestyle/health-fitness/home-remedies/health-benefits-of-neem/ |archive-date=21 फ़रवरी 2015 |url-status=live }}</ref>
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१०- नीम के बीजों के चूर्ण को खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से बवासीर में काफ़ी फ़ायदा होता है।
 
==[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ औषधि]==
[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ नीम घनवटी नामक [[आयुर्वेद]] में [[औषधि]] है जी की के पेड़ से निकली जाती है।] इसका मुख्य घटक नीमघन सत् होता है। यह [[मधुमेह]] में अत्यधिक लाभकारी है।<ref name=":0">{{cite web |author=Anupama |url=https://www.bimbim.in/medicine/neem-ghan-vati/814 |title=नीम घन वटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस &#124; Neem Ghan Vati Detail and Uses in Hindi |publisher=Bimbim.in |date=2016-02-01 |accessdate=2020-01-26 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171201031502/https://www.bimbim.in/medicine/neem-ghan-vati/814 |archive-date=1 दिसंबर 2017 |url-status=live }}</ref> २. इसका प्रयोग शरीर की [[रोग प्रतिरोधक क्षमता]] बढ़ाने के लिए किया जाता है।
यह [[आयुर्वेद]] में एक प्रकार की [[औषधि]] है जी की [[नीम]] [http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ ('''''Azadirachta indica''''')] के पेड़ से निकली जाती है।
 
नीम की पाती खाने से मुह की बादबू दाड दर्द दात कुलना शरीर के अंदर के हनिकारिक बैक्टीरिया कैंसर की बिमारी खून साफ करना जी भ से स्वाद चरम रोग आँख न आना आलस न आना शरीर मे ऊर्जा का बना रहना कफ कोल्ड न होना,शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जैसे के सेकड़ो हज़ारो फायदे हमे नीम की पाती खाने से मिलता है
 
== [http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ मुख्य लाभ] ==
यह [[मधुमेह]] में अत्यधिक लाभकारी है।<ref name=":0">{{cite web |author=Anupama |url=https://www.bimbim.in/medicine/neem-ghan-vati/814 |title=नीम घन वटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस &#124; Neem Ghan Vati Detail and Uses in Hindi |publisher=Bimbim.in |date=2016-02-01 |accessdate=2020-01-26 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171201031502/https://www.bimbim.in/medicine/neem-ghan-vati/814 |archive-date=1 दिसंबर 2017 |url-status=live }}</ref> इसका प्रयोग शरीर की [[रोग प्रतिरोधक क्षमता]] बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह [[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ जीवाणु]] नाशक, रक्त्शोधाक एवं त्वचा विकारों में गुणकारी है<ref>{{cite web |author=patanjali |url=https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/vati/neem-ghan-vati/625 |title=Patanjali Neem Ghan Vati 40 gm - Buy Online |publisher=Patanjaliayurved.net |date= |accessdate=2020-01-26 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171201035123/https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/vati/neem-ghan-vati/625 |archive-date=1 दिसंबर 2017 |url-status=live }}</ref><ref>{{cite web |author=पतंजलि नीम घन वटी |url=https://www.ayurtimes.in/neem-ghan-vati-hindi/ |title=पतंजलि नीम घनवटी (Neem Ghan Vati) घटक द्रव्य, प्रयोग एवं लाभ, मात्रा, दुष्प्रभाव |publisher=Ayurtimes.in |date= |accessdate=2020-01-26 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171226031050/https://www.ayurtimes.in/neem-ghan-vati-hindi/ |archive-date=26 दिसंबर 2017 |url-status=live }}</ref>। यह [[ज्वर|बुखार]] में भी लाभकारी है।
 
नीम त्वचा के औषधीय कार्यों में उपयोग की जाती है । नीम के उपयोग से त्वचा की चेचक जैसी भयंकर बीमारिया नही होती तथा इससे रक्त शुद्ध होता है । नीम स्वास्थ वर्धक एवं आरयोग्यता प्रदान करने वाला है। ये सभी प्रकार की व्याधियों को हरने वाला है, इसे मृत्यु लोक का कुल्पवृक्ष कहा जाता है। [httpshttp://wwwayurvedicherbss.godesihealth.incom/2018/04/Neemneem-kaazadirachta-upyog-twacharog-me-kaise-kare.html?m=1indica/ चरम रोग] मे इसका विशेष महत्व है।
 
भा<ins data-ad-slot="6680584534" data-ad-layout="in-article" data-ad-format="fluid" data-ad-client="ca-pub-4312517788943131" class="adsbygoogle"></ins>रत में नीम का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है, आज के समय में बहुत सी एलोपैथिक दवाइयां नीम की पत्ती व उसकी छल से बनती है । नीम के पेड़ की हर अंग फायदेमंद होता है, बहुत सी  बीमारियों का उपचार इससे किया जाता है । भारत में नीम का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है ।
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भारत में [https://www.godesihealth.in/2018/04/Neem-ka-upyog-twacharog-me-kaise-kare.html?m=1 नीम का उपयोग] एक औषधि के रूप में किया जाता है, आज के समय में बहुत सी एलोपैथिक दवाइयां नीम की पत्ती व उसकी छल से बनती है । नीम के पेड़ की हर अंग फायदेमंद होता है, बहुत सी  बीमारियों का उपचार इससे किया जाता है । भारत में नीम का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है ।<br />नीम स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन नीम जितनी कड़वी होती है, उतनी ही फायदे वाली होती है । यहां हम आपको नीम के गुण और उसके लाभ के बारे में बता रहे हैं । जिसे आप घर में ही उपयोग कर बहुत बीमारियों का उपचार कर सकते हैं ।<br />
 
==[http://ayurvedicherbss.com/neem-azadirachta-indica/ सन्दर्भ]==
{{टिप्पणीसूची}}
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नीम" से प्राप्त