"मूल अधिकार": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
→मूल अधिकार: छोटा सा सुधार किया। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) छो 2409:4056:20B:2980:0:0:653:50A1 (Talk) के संपादनों को हटाकर InternetArchiveBot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
||
पंक्ति 1:
वे अधिकार जो लोगों के जीवन के लिये अति-आवश्यक या मौलिक समझे जाते हैं उन्हें '''मूल अधिकार''' (fundamental rights) कहा जाता है। प्रत्येक देश के लिखित अथवा अलिखित [[संविधान]] में नागरिक के मूल अधिकार को मान्यता दी गई है। ये मूल अधिकार नागरिक को निश्चात्मक (positive) रूप में प्राप्त हैं तथा राज्य की सार्वभौम सत्ता पर अंकुश लगाने के कारण नागरिक की दृष्टि से ऐसे अधिकार विषर्ययात्मक (negative) कहे जाते हैं। मूल अधिकार का एक दृष्टांत है "राज्य नागरिकों के बीच परस्पर विभेद नहीं करेगा"। प्रत्येक देश के संविधान में इसकी मान्यता है।
मूल अधिकारों का सर्वप्रथम विकास ब्रिटेन में हुआ जब
प्रदान करेने हेतु "'''[[मैग्ना कार्टा]]'''" पर हस्ताक्षर करने को बाध्य कर दिया था।
इसे भारत के संविधान का मैग्नार्टा भी कहते हैं। भारत के मूल अधिकार अमेरिका से लिए गए है।
|