"अहिल्याबाई होल्कर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Rahulwaware (वार्ता | योगदान) No edit summary |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) Nilesh shukla के अवतरण 4302397पर वापस ले जाया गया : - (ट्विंकल) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
||
पंक्ति 1:
{{Infobox royalty
| type = Monarch
| name =
| title = पुण्यश्लोक
| image = Maharani Ahilyabai Holkar statue, Maharashtra sadan, New Delhi.jpg
पंक्ति 7:
| reign = {{nowrap|१ दिसंबर १७६७ - १३ अगस्त १७९५)}}
| coronation = ११ दिसंबर, १७६७
| succession = [[
| predecessor = माळेराव होल्कर
| successor =
| spouse = खण्डेराव होलकर
| issue =
| issue-link =
| full name =
| house = [[
| dynasty = [[मराठा साम्राज्य]]
| father = मान्कोजी शिन्दे
पंक्ति 23:
| religion = [[हिन्दू]]
}}
'''
== जीवन परिचय ==
पंक्ति 31:
अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मंदिर बनवाए, घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए-सुधरवाए, भूखों के लिए अन्नसत्र (अन्यक्षेत्र) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं, मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन हेतु की। और, आत्म-प्रतिष्ठा के झूठे मोह का त्याग करके सदा न्याय करने का प्रयत्न करती रहीं-मरते दम तक। ये उसी परंपरा में थीं जिसमें उनके समकालीन पूना के न्यायाधीश रामशास्त्री थे और उनके पीछे झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई हुई। अपने जीवनकाल में ही इन्हें जनता ‘देवी’ समझने और कहने लगी थी। इतना बड़ा व्यक्तित्व जनता ने अपनी आँखों देखा ही कहाँ था। जब चारों ओर गड़बड़ मची हुई थी। शासन और व्यवस्था के नाम पर घोर अत्याचार हो रहे थे। प्रजाजन-साधारण गृहस्थ, किसान मजदूर-अत्यंत हीन अवस्था में सिसक रहे थे। उनका एकमात्र सहारा-धर्म-अंधविश्वासों, भय त्रासों और रूढि़यों की जकड़ में कसा जा रहा था। न्याय में न शक्ति रही थी, न विश्वास। ऐसे काल की उन विकट परिस्थितियों में अहिल्याबाई ने जो कुछ किया-और बहुत किया।-वह चिरस्मरणीय है।
[[
== मतभेद ==
Line 63 ⟶ 51:
चूंकि अहिल्याबाई होल्कर को एक ऐसी महारानी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंनें भारत के अलग अलग राज्यों में मानवता की भलाई के लिये अनेक कार्य किये थे। इसलिये भारत सरकार तथा विभिन्न राज्यों की सरकारों ने उनकी प्रतिमायें बनवायी हैं और उनके नाम से कई कल्याणकारी योजनाओं भी चलाया जा रहा है।
ऐसी ही एक योजना उत्तराखंड सरकार की ओर से भी चलाई जा रही है। जो अहिल्याबाई होल्कर को पूर्णं सम्मान देती है। इस योजना का नाम [
==टिप्पणियाँ==
Line 94 ⟶ 82:
* [[देवी अहिल्या विश्वविद्यालय]]
* [[धनगर]]
{{मराठा साम्राज्य}}
|