"शकुन्तला देवी": अवतरणों में अंतर

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| Honor = सबसे त्वरित मानव कंप्यूटर के लिए गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स
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'''शकुन्तला देवी''' (4 नवम्बर 1929 - 21 अप्रैल 2013) जिन्हें आम तौर पर "मानव कम्प्यूटर" के रूप में जाना जाता है, बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी एवं मानसिक परिकलित्र (गणितज्ञ) थीं।उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका नाम 1982 में ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया।
'''शकुन्तला देवी''' (4 नवम्बर 1929 - 21 अप्रैल 2013) जिन्हें आम तौर पर "मानव कम्प्यूटर" के रूप में जाना जाता है, बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी एवं मानसिक परिकलित्र (गणितज्ञ) थीं।<ref name=HINDU>{{cite news |title=Shakuntala Devi strove to simplify maths for students |url=http://www.thehindu.com/news/national/karnataka/mathematical-genius-shakuntala-devi-no-more/article4640134.ece?homepage=true |newspaper=द हिन्दू |date=21 अप्रैल 2013 |accessdate=4 नवम्बर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20160218025606/http://www.thehindu.com/news/national/karnataka/mathematical-genius-shakuntala-devi-no-more/article4640134.ece?homepage=true |archive-date=18 फ़रवरी 2016 |url-status=live }}</ref><ref name=NYT>{{cite news |title=Shakuntala Devi, ‘Human Computer’ Who Bested the Machines, Dies at 83 |first=Haresh |last=Pandya |url=http://www.nytimes.com/2013/04/24/world/asia/shakuntala-devi-human-computer-dies-in-india-at-83.html |newspaper=दि न्यू यॉर्क टाइम्स |date=21 अप्रैल 2013 |accessdate=4 नवम्बर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131106030934/http://www.nytimes.com/2013/04/24/world/asia/shakuntala-devi-human-computer-dies-in-india-at-83.html |archive-date=6 नवंबर 2013 |url-status=live }}</ref><ref name=TELEGRAPH>{{cite news |title=Obituary: Shakuntala Devi |url=http://www.telegraph.co.uk/news/obituaries/10011281/Shakuntala-Devi.html |newspaper=The Telegraph |date=22 अप्रैल 2013 |accessdate=4 नवम्बर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131215001529/http://www.telegraph.co.uk/news/obituaries/10011281/Shakuntala-Devi.html |archive-date=15 दिसंबर 2013 |url-status=live }}</ref><ref name=JENSEN>{{cite journal |last=Jensen |first=Arthur R. |date=जुलाई–सितम्बर 1990 |title=Speed of information processing in a calculating prodigy |journal=Intelligence |volume=14 |issue=3 |pages=259–274 |location=University of California, Berkeley, USA |url=http://stepanov.lk.net/mnemo/jensen.html |accessdate=4 नवम्बर 2013 |doi=10.1016/0160-2896(90)90019-P |archive-url=https://web.archive.org/web/20131104091345/http://stepanov.lk.net/mnemo/jensen.html |archive-date=4 नवंबर 2013 |url-status=live }}</ref><ref name=BBC>{{cite news |title=Obituary: India's 'human computer' Shakuntala Devi |url=http://www.bbc.co.uk/news/world-asia-india-22244118 |newspaper=बीबीसी न्यूज़ |date=22 अप्रैल 2013 |accessdate=4 नवम्बर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131016110656/http://www.bbc.co.uk/news/world-asia-india-22244118 |archive-date=16 अक्तूबर 2013 |url-status=live }}</ref> उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका नाम 1982 में ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया।<ref name=HINDU/><ref name=NYT/><ref name=TELEGRAPH/><ref name="bbchindi" />
== जीवन:- ==
 
शकुंतला देवी का जन्म भारत के [[बंगलौर]] नामक महानगर में एक धार्मिक कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
 
जीवन:-
ह्यूमन – कंप्यूटर शकुंतला देवी (Shakuntala ती स्टडीज की लेखक थी।
एक जीनियस जो तीन साल की उम्र से ही लोगों को प्रभावित कर सकती थी । देवी को अक्सर ‘ह्यूमन कंप्यूटर ’ (human computer) के टाइटल के साथ केवल कुछ सेकंड में मुश्किल कॅल्क्युलेशन्स को हल करने की क्षमता के लिए श्रेय दिया जाता है। उनकी प्रतिभा ने उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guiness Book Of World Records) में भी जगह दिलाई।
1.शकुंतला देवी का जन्म 1929 में बैंगलोर में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जब वह तीन साल की थी, तब उनके माता पिता को उनके डिजिट्स याद रखने की कैपेसिटी के बारे में पता चला था ।
 
2. जब वह लगभग तीन साल की थी तो उनके पिता ने उसे कार्ड ट्रिक सिखाते समय अपनी बेटी की संख्या याद करने की क्षमता का पता लगाया। वह उन्हें रोड शो में ले जाके उनकी इस स्किल का प्रदर्शन करते थे। उन्होंने बिना किसी फॉर्मल पढ़ाई के ये स्किल सीखी थी। छह साल की उम्र में, उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय (Mysore University) में अपनी अरिथमेटिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
 
3. 1977 में यूनिवर्सिटी ऑफ डलास के एक मीट में शकुंतला देवी से 201 का 23वा रुट कैलकुलेट करने को दिया गया था। कहा जाता है कि जब उन्हें यह equation दिया गया तो कमरे में सन्नाटा छा गया। 50 सेकंड बाद सबको हैरान करते हुए शकुंतला देवी ने डिजिट बाय डिजिट जवाब देना शुरू किया।
4. शकुंतला देवी की प्रतिभा को 1982 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guiness Book Of World Records) में भी जगह मिली। उन्हें एक जगह इसलिए मिली क्यूंकि उन्होंने बिना किसी कंप्यूटर की मदद लिए 28 सेकंड में दो 13 अंकों की संख्या को मल्टीप्लाई किया था
5. देवी ने कई शहरों में प्रदर्शन किया । वह हमेशा 10 से 30 सेकंड में जवाब देती थी ।
6. 1950 तक, शकुंतला देवी यूरोप का दौरा कर रही थीं। वहां, 5 अक्टूबर, 1950 को, फेमस ब्रॉडकास्ट जौर्नालिस्ट लेस्ली मिशेल ने उनके साथ बीबीसी पर एक विशेष कार्यक्रम को होस्ट किया, जहाँ उन्होंने मैथमेटिकल और कैलेंड्रिक समस्याओं को हल किया। असल में, बीबीसी के इस फीचर के बाद ही उन्हें ह्यूमन – कंप्यूटर कहा जाने लगा । जब उनका और कंप्यूटर का एक मैथमेटिकल प्रॉब्लम का जवाब अलग आया तो पाया गया की शकुंतला का जवाब सही था। हालाँकि, उन्होंने अक्सर ह्यूमन – कंप्यूटर के लेबल को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि मानव मन ने कंप्यूटर बनाए, और इसलिए वो हमेशा मशीनों से बेहतर बने रहेंगे।
7.शकुंतला देवी की प्रतिभा को 1982 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guiness Book Of World Records) में भी जगह मिली। उन्हें एक जगह इसलिए मिली क्यूंकि उन्होंने बिना किसी कंप्यूटर की मदद लिए 28 सेकंड में दो 13 अंकों की संख्या को मल्टीप्लाई किया था।
एक ह्यूमन – कंप्यूटर के रूप में अपने काम के अलावा, देवी एक फेमस एस्ट्रोलॉजर और कई पुस्तकों की लेखक थी, जिसमें कुकबुक और नोवेल्स भी शामिल थी।
1950 के एक इंटरव्यू में, देवी ने कहा कि “मैं किसी भी आदमी को यह कहने का अवसर नहीं देना चाहती कि अगर मैंने नाम कमाया तो उसकी मदद की वजह ही ऐसा हुआ।” जब उन्होंने शादी की, तो उन्होंने अपने पति के सरनाम को अपनाने से इनकार कर दिया। उन्होंने इसके बजाय बोलै कि “मैं चाहती हूं कि राशन कार्ड मेरे ही नाम से बनाया जाए। “
8. शकुंतला देवी ने 1960 में कोलकाता के आईएएस अधिकारी, परितोष बनर्जी जी से शादी की। उनकी एक बेटी हुई जिसका नाम अनुपमा बनर्जी रखा गया, लेकिन परितोष बनर्जी की होमोसेक्सुअलिटी का खुलासा होने पर जल्द ही शादी टूट गई। कई लोगों के लिए ये जानना गुस्से का कारण बन सकता है, लेकिन देवी के लिए , ये इंसानों के बारे में और अच्छे से जानने का मौका बना। और इस बार, वह अपनी कॅल्क्युलेशन्स के लिए नहीं, बल्कि अपने कम्पैशन की वजह से हेडलाइंस में आयी। वह पहली गे राइट एक्टिविस्ट थी, और उनकी पुस्तक भारत में समलैंगिकता को डिक्रिमिनलाईज़ (decriminalise homosexuality) करने की मांग करने वाली पहली पुस्तक है।
9.देवी का 83 वर्ष की आयु में 21 अप्रैल, 2013 को हार्ट अटैक और रेस्पिरेटरी प्रोब्लेम्स (respiratory problems) के कारण बैंगलोर में निधन हो गया। उनकी बेटी अनुपमा बनर्जी के दो बच्चे हैं .
 
 
== पुस्तकें ==
 
उनके ८४वें जन्मदिन पर ४ नवम्बर २०१३ को गूगल ने उनके सम्मान में उन्हें गूगल डूडल समर्पित किया। कंप्यूटर को हराने वाली शकुलंता देवी पर डूडल|status=live}}</ref>
 
== पुस्तकें ==
शंकुतला देवी
 
इन द वंडरलैंड ऑफ नम्बर्स
 
द बुक ऑफ नम्बर्स
 
मोर पज़ल्स
 
== सन्दर्भ ==