"पद्मनाभस्वामी मंदिर": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Sri Padmanabhaswamy temple.jpg|300px|left|thumb|पद्मनाभस्वामी मंदिर का मुख्य द्वार]]
[[चित्र:Thiruvanthapuram Temple Approach.JPG|300px|left|thumb|प्द्मनाबह्स्वामी मन्दिर तक पहुँचाने वाले मार्ग का दृष्य]]
पद्मनाभ स्वामी मंदिर का निर्माण एक अहीर [[राजा मार्तण्ड]] द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर के पुनर्निर्माण में अनेक महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा गया है। सर्वप्रथम इसकी भव्यता को आधार बनाया गया मंदिर को विशाल रूप में निर्मित किया गया जिसमें उसका शिल्प सौंदर्य सभी को प्रभावित करता है। मंदिर के निर्माण में द्रविड़ एवं केरल शैली का मिला जुला प्रयोग देखा जा सकता है।
 
मंदिर का [[गोपुरम]] द्रविड़ शैली में बना हुआ है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर दक्षिण भारतीय [[वास्तुकला]] का अदभुत उदाहरण है। मंदिर का परिसर बहुत विशाल है जो कि सात मंजिला ऊंचा है गोपुरम को कलाकृतियों से सुसज्जित किया गया है। मंदिर के पास ही [[झील|सरोवर]] भी है जो 'पद्मतीर्थ कुलम' के नाम से जाना जाता है।
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जून २०११ में सर्वोच्च न्यायालय ने पुरातत्व विभाग तथा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मन्दिर के गुप्त तहखानों को खोलें और उनमें रखी वस्तुओं का निरीक्षण करें। इन तहखानों में रखी करीब दो लाख करोड़ की संपत्ति का पता चला है। हालांकि अभी भी तहखाने-बी को नहीं खोला गया है। सुप्रीमकोर्ट ने इस तहखाने को खोलने पर रोक लगा दी है। सुप्रीमकोर्ट ने आदेश किया है कि ये संपत्ति मंदिर की है और मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
देश के सबसे धनी पद्मनाभस्वामी मंदिर को चलाने का अधिकार त्रावणकोर राजघराने को मिल गया है। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को अपने फैसले में मंदिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार के अधिकार को मान्यता दे दी है। कहा जाता है कि मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है।
 
क्या कहा कोर्ट ने-
केरल के तिरुवनन्तपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन और अधिकार को लेकर शीर्ष न्यायालय ने कहा कि पूर्व शासक की मृत्यु के बावजूद पद्मनाभस्वामी मंदिर में त्रावणकोर परिवार का अधिकार जारी रहेगा। प्रथा के अनुसार, शासक की मृत्यु पर परिवार का सवेयत यानी प्रबंधन का अधिकार बरकरार रहेगा। कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के 31 जनवरी 2011 के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें राज्य सरकार से श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का नियंत्रण लेने के लिए न्यास गठित करने को कहा गया था। <ref>
 
== सन्दर्भ ==