"वही": अवतरणों में अंतर

छो HotCat द्वारा श्रेणी:मुहम्मद जोड़ी
छोNo edit summary
पंक्ति 1:
{{क़ुरआन}}
'''वही''' ([[इंग्लिश]]: Waḥy, [[उर्दू]]:وحی वही) अर्थ हैरहस्योद्घाटन या गुप्त सूचना है <ref>"वह्य" - प्रो. डॉक्टर जियाउर्रहमान आज़मी, कुरआन मजीद की ज्ञानकोष (इन्साइक्लोपीडिया), हिंदी संस्करण(2010), पृष्ठ 618 </ref>, अरबी शब्द है, इस्लामी मान्यता में अल्लाह के चुने हुए व्यक्तियों अर्थात नबियों (पैग़म्बरों) को जो बात भेजी जाती उसे वही या वह्य (वह् य) कहते हैं। क़ुरआन लगभग 23 वर्षों में "वही" के द्वारा अवतरित हुआ।<ref>{{cite web|url=https://www.najeebqasmi.com/articles/hindi-articles/120-tafseer-e-quran/1404-aur-ham-khuar-hoe-tarike-quran-ho-kar|title=क़ुरआन क्या है|access-date=7 अगस्त 2020|archive-url=https://web.archive.org/web/20200807060134/https://www.najeebqasmi.com/articles/hindi-articles/120-tafseer-e-quran/1404-aur-ham-khuar-hoe-tarike-quran-ho-kar|archive-date=7 अगस्त 2020|url-status=live}}</ref>
=विवरण=
वही अरबी शब्द को उर्दू में भी "वही" लिखा जाता है, हिंदी में
पंक्ति 7:
 
=क़ुरआन में वही शब्द का वर्णन=
[[इस्लाम]] के पवित्र ग्रन्थ [[क़ुरआन|कुरआन]] के 42 वां [[सूरा]] [[अश-शूरा]] की 51वीं51 वीं [[आयत (क़ुरआन)|आयतेंआयते]] में तीन प्रकार से वही भेजने का वर्णन है:
 
* "किसी मनुष्य की यह शान नहीं कि अल्लाह उससे बात करे, सिवाय इसके कि प्रकाशना के द्वारा या परदे के पीछे से (बात करे)। या यह कि वह एक रसूल (फ़रिश्ता) भेज दे, फिर वह उसकी अनुज्ञा से जो कुछ वह चाहता है प्रकाशना कर दे। निश्चय ही वह सर्वोच्च अत्यन्त तत्वदर्शी है". <ref> Ash-Shura [42:51] - फ़ारूक़ ख़ान & अहमद - Tanzil Quran Navigator
* http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/42:51 </ref>
=इन्हें भी देखें=
"https://hi.wikipedia.org/wiki/वही" से प्राप्त