"राजतन्त्र": अवतरणों में अंतर

राजतंत्र पर अधिक जानकारी कहाँ से प्राप्त करें।
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600BC से 400BC तक राजतंत्र के मामले में ब्राह्मणों का कहना था कि राजा कोई सामान्य मनुष्य न होकर देवता के समान है। वे उनके सलाहकार थे और उनके बिना राजा न तो शासन कर सकता था, न ही यज्ञ-अनुष्ठान। राजा समाज और धर्म का रक्षक था। तथा गणराज्यों में यह समझा जाता था कि मुखिया को जनसाधारण से चुना जा सकता है। ब्रिटेन में आज भी राजतंत्र है।
 
राजतंत्र पर अधिक जानकारी कौटिल्यरचित अर्थशास्त्र में उपलब्ध है।
 
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