"रुद्राक्ष": अवतरणों में अंतर
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'''रुद्राक्ष''' एक फल की गुठली है। इसका उपयोग आध्यात्मिक क्षेत्र में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान [[शंकर]] की आँखों के जलबिंदु से हुई है। इसे धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। रुद्राक्ष शिव का वरदान है, जो संसार के भौतिक दु:खों को दूर करने के लिए प्रभु शंकर ने प्रकट किया है।
रुद्राक्ष (आईएएसटी: रुद्राका, देवनागरी: रुद्रक्ष, तेलुगू:రుద్రాక్ష <ref>{{cite web|url=https://isha.sadhguru.org/in/te/wisdom/article/rudraksha|title=तेलुगू में रुद्राक्ष का उपयोग|publisher=isha.sadhguru.org|accessdate=१८जुलाई २०१८|archive-url=https://web.archive.org/web/20180802051313/https://isha.sadhguru.org/in/te/wisdom/article/rudraksha|archive-date=2 अगस्त 2018|url-status=live}}</ref>, तमिल:
रुद्राक्ष हिंदू देवता भगवान शिव से जुड़ा हुआ हैं एवं आमतौर पर भक्तों द्वारा सुरक्षा कवच के तौर पर या ओम नमः शिव मंत्र के जाप के लिए पहने जाते हैं।<ref>{{cite web|url=https://www.himalayanacademy.com/media/books/dancing-with-siva/web/ch10_12.html|title=शिव के साथ नृत्य|destination=नई दिल्ली भारत|last=स्टटले|first=एम.|6=|publisher=हिमालयआँकडेमी|accessdate=१८जुलाई २०१८|archive-url=https://web.archive.org/web/20180405214529/https://www.himalayanacademy.com/media/books/dancing-with-siva/web/ch10_12.html|archive-date=5 अप्रैल 2018|url-status=live}}</ref> ये बीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल में कार्बनिक आभूषणों और माला के रूप में उपयोग किए जाते हैं एवं अर्द्ध कीमती पत्थरों के समान मूल्यवान होते हैं।
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