"नागरिक शास्त्र": अवतरणों में अंतर

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तकनीकी तौर पर, '''नागरिक शास्त्र''' (Civics) अच्छी [[नागरिकता]] का अध्ययन है। दूसरे शब्दों में यह [[नागरिकता]] के सैद्धान्तिक, राजनैतिक एवं व्यावहारिक पक्षों का अध्ययन है। इसके अलावा नागरिक शास्त्र में नागरिकों के [[अधिकार|अधिकारों]] और कर्तव्यों का अध्ययन भी किया जाता है। [[कर्तव्य]] के अंतर्गत किसी [[राजनैतिक संस्था]] के सदस्य के रूप में नागरिकों के एक-दूसरे के प्रति कर्तव्य तथा सरकार के प्रति कर्तव्य आते हैं। नागरिक शास्त्र में नागरिक कानूनों और [[नागरिक संहिता]] का अध्ययन तथा नागरिकों के भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए [[सरकार]] का अध्ययन आदि सम्मिलित होते हैं।
 
'''[https://currentshub.com/%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%b6%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b5/ नागरिकशास्त्र का महत्त्व]
'''नागरिकशास्त्र का चाहे सामाजिक पक्ष हो या राजनैतिक पक्ष, दोनों का ही मुख्य उद्देश्य है एक अच्छे सामाजिक जीवन व्यतीत करने हेतु नागरिक को तत्पर करना । इसी कारण इस विषय का अध्ययन प्रत्येक व्यक्ति के लिए परमावश्यक है। हम बिना किसी सन्देह के यह कह सकते हैं कि मनुष्य का जीवन समाज में ही सम्भव है व समाज में रहकर ही वह अपन आवश्यकताओं की पृर्ति करता है व एक सन्तुष्ट जीवन व्यतीत करता है समाज जहाँ एक ओर मनुष्य को कुछ बनाने का प्रयास करता है, वहीं नागरिकशास्त्र उसे एक सुसभ्य नागरिक के रूप में विकसित करना चाहता है। इस दृष्टि से स्वतन्त्रता के पश्चात् नागरिकशास्त्र का महत्त्व सर्वोपरि है। नागरिकशास्त्र के महत्त्व को हम निम्न प्रकार से प्रस्तुत कर सकते हैं-