"धर्म": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:MonWheel.jpg|right|thumb|300px|[[धर्मचक्र]] (गुमेत संग्रहालय, पेरिस)]]
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'''धर्म''' ( [[पालि भाषा|पालि]] : [[बौद्ध धर्म|धम्म]] ) [[भारत की संस्कृति|भारतीय संस्कृति]] और [[भारतीय दर्शन]] की प्रमुख संकल्पना है। 'धर्म' शब्द का पश्चिमी भाषाओं में किसी समतुल्य शब्द का पाना बहुत कठिन है। साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, [[अहिंसा]], न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। '''धर्म''' का शाब्दिक अर्थ होता है, 'धारण करने योग्य'सबसे उचित धारणा, अर्थात जिसे सबको धारण करना चाहिये'। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। “सम्प्रदाय” एक परम्परा के मानने वालों का समूह है। ऐसा माना जाता है कि धर्म मानव को मानव बनाता है। [https://www.ratanroy.com/post/धर-म-और-ध-र-म-कत-म-क-य-फर-क-ह धर्म और धार्मिकता में फ़र्क]
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:'''आत्मनः प्रतिकूलानि, परेषां न समाचरेत् ॥'''
:''(धर्म का सर्वस्व क्या है, यह सुनो और सुनकर उस पर चलो ! अपने को जो अच्छा न लगे, वैसा आचरण दूसरे के साथ नही करना चाहिये।)''
===वात्सायन के अनुसार धर्म===
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