"धर्म": अवतरणों में अंतर
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'''धर्म''' ( [[पालि भाषा|पालि]] : [[बौद्ध धर्म|धम्म]] ) [[भारत की संस्कृति|भारतीय संस्कृति]] और [[भारतीय दर्शन]] की प्रमुख संकल्पना है। 'धर्म' शब्द का पश्चिमी भाषाओं में किसी समतुल्य शब्द का पाना बहुत कठिन है। साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, [[अहिंसा]], न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। '''धर्म''' का शाब्दिक अर्थ होता है, 'धारण करने योग्य'सबसे उचित धारणा, अर्थात जिसे सबको धारण करना चाहिये'। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं।
== हिन्दू समुदाय ==
{{मुख्य|हिन्दू समुदाय}}
सनातन धर्म में चार [[पुरुषार्थ]] स्वीकार किए गये हैं जिनमें धर्म प्रमुख है। तीन अन्य पुरुषार्थ ये हैं- [[अर्थ]], [[काम]] और
[[गौतम ऋषि]] कहते हैं - 'यतो अभ्युदयनिश्रेयस सिद्धिः स धर्म।' (जिस काम के करने से '''अभ्युदय''' और '''निश्रेयस''' की सिद्धि हो वह धर्म है। )
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==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
*{{citation
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