छो →‎मोहरात्रि: ब्रजमण्डल को व्रजमंडल कर रखा था और शब्दों के बिच में स्पेस नही था | इस वजह से सेंटेंस समझ नही आ रहा था |
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कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त भव्य चांदनी चौक, दिल्ली (भारत) की खरीदारी सड़कों पर कृष्णा झूला, श्री लड्डू गोपाल के लिए कपड़े और अपने प्रिय भगवान कृष्ण जी की प्रतिमा खरीदते हैं। सभी मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है और भक्त आधी रात तक इंतजार करते हैं ताकि वे देख सकें कि उनके द्वारा बनाई गई खूबसूरत खरीद के साथ उनके बाल गोपाल कैसे दिखते हैं।
 
 
'''<u>श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन विधि</u>'''
 
चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लीजिए उसके ऊपर भगवान् कृष्ण की मूर्ति रखिए,अब दीपक जलाएं और साथ ही धूपबत्ती भी जला लीजिए। भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करें कि, 'हे भगवान् कृष्ण ! कृपया पधारिए और पूजा ग्रहण कीजिए। श्री कृष्ण की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं,फिर गंगाजल से स्नान कराएं। अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार कीजिए। भगवान् श्री कृष्ण को दीप दिखाएं। अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं।
 
माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए और तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए, साथ ही पीने के लिए शुद्ध पानी रखें।
 
अब श्री कृष्ण का इस प्रकार ध्यान कीजिए:-
 
<nowiki>:</nowiki>श्री कृष्ण बच्चे के रूप में पीपल के पत्ते पर लेटे हैं।
 
उनके शरीर में अनंत ब्रह्माण्ड हैं और वे अंगूठा चूस रहे हैं।
 
इसके साथ ही श्री कृष्ण के नाम का अर्थ सहित बार-बार चिंतन कीजिए।
 
कृष् का अर्थ है आकर्षित करना और ण का अर्थ है परमानंद या पूर्ण मोक्ष।
 
इस प्रकार कृष्ण का अर्थ है, वह जो परमानंद या पूर्ण मोक्ष की ओर आकर्षित करता है, वही कृष्ण है।
 
मैं उन श्री कृष्ण को प्रणाम करता/करती हूं। वे मुझे अपने चरणों में अनन्य भक्ति प्रदान करें।
 
विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें और कहें : हे भगवान् कृष्ण! पूजा में पधारने के लिए धन्यवाद।
 
कृपया मेरी पूजा और जप ग्रहण कीजिए और पुनः अपने दिव्य धाम को पधारिए।
 
== उपवास के बारे में ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
[https://hindiblogindia.com/krishana-janmashtami-rochak-facts/ श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी]{{हिन्दू पर्व-त्यौहार}}
 
[[श्रेणी:संस्कृति]]