"निबन्ध": अवतरणों में अंतर

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छो →‎हिन्दी साहित्य में निबन्ध: भारतेन्दुकालीन से चलती आ रही ये हिंदी साहित्य में निबंध आज दुनिया में बहुत छाई हुई है
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== हिन्दी साहित्य में निबन्ध ==
हिन्दी साहित्य के आधुनिक युग में [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र|भारतेन्दु]] और उनके सहयोगियों से निबंध लिखने की परम्परा का आरंभ होता है। निबंध ही नहीं, [[गद्य]] की कई विधाओं का प्रचलन भारतेन्दु से होता है। यह इस बात का प्रमाण है कि गद्य और उसकी विधाएँ आधुनिक मनुष्य के स्वाधीन व्यक्तित्व के अधिक अनुकूल हैं। मोटे रूप में स्वाधीनता आधुनिक मनुष्य का केन्द्रीय भाव है। इस भाव के कारण परम्परा की रूढ़ियाँ दिखाई पड़ती हैं। सामयिक परिस्थितियों का दबाव अनुभव होता है। भविष्य की संभावनाएँ खुलती जान पड़ती हैं। इसी को इतिहास-बोध कहा जाता है। भारतेन्दु युग का साहित्य इस इतिहास-बोध के कारण आधुनिक माना जाता है। भारतेन्दुकालीन से चलती आ रही ये हिंदी साहित्य में [https://achchhijankari4u.blogspot.com/ निबंध] लेख आज दुनिया में बहुत छाई हुई है
 
== प्रमुख हिंदी निबंधकार ==