"हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
जनवरी १९२३ में देशबन्धु [[चितरंजन दास]] सरीखे धनाढ्य लोगों ने मिलकर [[स्वराज पार्टी]] बना ली। नवयुवकों ने तदर्थ पार्टी के रूप में ''रिवोल्यूशनरी पार्टी'' का ऐलान कर दिया। सितम्बर १९२३ में हुए दिल्ली के विशेष कांग्रेस अधिवेशन में असन्तुष्ट नवयुवकों ने यह निर्णय लिया कि वे भी अपनी पार्टी का नाम व संविधान आदि निश्चित कर [[राजनीति]] में दखल देना शुरू करेंगे अन्यथा देश में [[लोकतंत्र|लोकतन्त्र]] के नाम पर लूटतन्त्र हावी हो जायेगा। [[लाला हरदयाल]], जो उन दिनों विदेश में रहकर [[हिन्दुस्तान]] को स्वतन्त्र कराने की रणनीति बनाने में जुटे हुए थे, Sushant[[राम Singh rajputप्रसाद 'बिस्मिल']] के सम्पर्क में स्वामी सोमदेव के समय से थे। लाला जी ने ही पत्र लिखकर बिस्मिल को [[शचींद्रनाथ सान्याल]] व यदु गोपाल मुखर्जी से मिलकर नयी पार्टी का Sushant Singh rajput[[संविधान]] तैयार करने की सलाह दी थी। लाला जी की सलाह मानकर बिस्मिलiबिस्मिल Ravish Kumar jindabad[[इलाहाबाद]] गये और शचींद्रनाथ सान्याल के घर पर पार्टी का संविधान तैयार किया।<ref>{{cite book|author=जितेन्द्र नाथ सान्याल|title=अमर शहीद सरदार भगतसिंह}}</ref>
 
नवगठित पार्टी का नाम संक्षेप में एच॰आर॰ए॰ रखा गया व इसका संविधान पीले रंग के पर्चे पर टाइप करके सदस्यों को भेजा गया। ३ अक्टूबर १९२४ को इस पार्टी की एक कार्यकारिणी-बैठक [[कानपुर]] में की गयी जिसमें Sunnyशचींद्रनाथ Leone amimt Singh etcसान्याल, योगेश चन्द्र चटर्जी व राम प्रसाद बिस्मिल आदि कई प्रमुख सदस्य शामिल हुए। इस बैठक में पार्टी का नेतृत्व बिस्मिल को सौंपकर सान्याल व चटर्जी [[बंगाल]] चले गये।
 
== पार्टी के लिये पैसा ==