"कर्ष": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Rescuing 2 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
Srajaltiwari (वार्ता | योगदान) चित्र लगाया/चित्रदीर्घा |
||
पंक्ति 1:
{{आधार}}
[[चित्र:Kosala_Karshapana.jpg|पाठ=|अंगूठाकार|250x250पिक्सेल|[[कोशल]] कार्षापण- लगभग 525-465 ई.पू. औसत व्यास 25 मिमी, औसत वजन 2.70 ग्राम। दोनों पक्षों पर लागू अलग-अलग पंच-चिह्नों के साथ सिक्के।]]
'''कर्ष''' या '''कार्षापण''' एक प्राचीन भारतीय सिक्का था।
[[जातक]], [[पाणिनि]] के व्याकरण, तथा [[चाणक्य]] के अर्थशास्त्र में [[चाँदी|रजत]] और [[ताम्र]] के सिक्कों को कार्षार्पण कहा गया है। मनु तथा याज्ञवल्क्य के अनुसार ताम्र कार्षापण ८० गुंजे या रत्ती के बराबर भार वाला होता था। <ref>[https://books.google.co.in/books?id=T85aSmU7BGoC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false नन्द-मौर्ययुगीन भारत (पृष्ट ३१८)] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160420095625/https://books.google.co.in/books?id=T85aSmU7BGoC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false
==सन्दर्भ==
|