"आर्कीमिडीज सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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तरल अर्थ वायू दोनो में प्लवता काम करता हे
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[[चित्र:Submerged-and-Displacing.svg|right|thumb|220px|आर्कीमिडीज सिद्धांत का उदाहरण : दूसरी परखनली में जो अतिरिक्त आयतन दिख रहा है वह डूबे हुए ठोस के आयतन के बराबर होगा। ठोस पर द्रव द्वारा ऊपर की ओर लगाया गया बल इस अतिरिक्त आयतन के द्रव के भार के बराबर होगा।]]
'''आर्कीमिडीज सिद्धान्त''' ({{lang-en|Archimedes's principle}}) [[भौतिक नियम]] है जिसके अनुसार-
: किसी तरल या वायू माध्यम में किसी वस्तु पर लगने वाला [[उत्प्लावन बल]] उस वस्तु द्वारा विस्थपित तरल के भार के बराबर होगा। अन्य शब्दो में, किसी तरल माध्यम में आंशिक या पूर्णतः डूबी हुई वस्तु पर लगने वाला उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा विस्थापित तरल के भार के बराबर होता है।
 
: <math>E = m\;g = \rho_\text{f}\;g\;V\;</math>