"कुमारगुप्त प्रथम": अवतरणों में अंतर

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मैंने कुमारगुप्त प्रथम का हूणों से युद्ध के बारे में जानकारी दी तथा उसके द्वारा चलाए सिक्के के प्रकार बताया
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{{गुप्त साम्राज्य ज्ञानसन्दूक}}
'''कुमारगुप्त प्रथम''' <ref>{{Cite book|title=kumar gupt pratham|last=gayari|first=manish|publisher=dhangar|year=2018-19|isbn=|location=|pages=| language = en}}</ref>प्राचीन भारत में तीसरी से पाँचवीं सदी तक शासन करने वाले [[गुप्त राजवंश]] का राजा था। इनकी राजधानी पाटलीपुत्र थी जो वर्तमान समय में पटना के रूप में बिहार की राजधानी है। नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त प्रथम ने
 
उसी समय पश्चिमोत्तर भारत पर हूणों का जबरदस्त आक्रमण हुआ और संभवतया उन्होंने कुछ स्थानों पर अधिकार भी स्थापित कर लिया इस परिस्थिति में कुमारगुप्त प्रथम <ref>{{cite web|url=https://www.indianhistorys.com/कुमारगुप्त-प्रथम/date=2 जून 2020|}}</ref>
की थी। कुमारगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी [[स्कन्दगुप्त|स्कधगुप्त]] हुआ।
 
 
ने अपने पुत्र स्कंद गुप्त को उनका सामना करने के लिए भेजा। स्कंद गुप्त ने अत्यंत साहस और वीरता का परिचय दिया तथा हूणों के साथ उसका भयंकर युद्ध हुआ।
 
यह युुद्ध इतना भयानक था कि स्कंद गुप्त को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अंत में वह हूणों को परास्त करने में और मार भगाने में सफल हुआ।
 
उसी के समय में पुष्यमित्रों ने भी विद्रोह किया जिनका दमन कर दिया गया।
 
कुमारगुप्त प्रथम ने सोने, चांदी और तांबे के सिक्के चलाए।
 
उसके सिक्के गुप्त कालीन सिक्कों<ref>{{cite web|url=https://www.indianhistorys.com/गुप्तकालीन-मुद्रा/date=7 जून 2020|}}</ref>में सबसे अधिक कलात्मक हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त प्रथम ने
 
की थी। कुमारगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी [[स्कन्दगुप्त|स्कधगुप्त]] हुआ।
 
==सन्दर्भ==