"कवि": अवतरणों में अंतर
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'''कवि''' वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये [[वैदिक सभ्यता|वैदिक काल]] में '''ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन:''' अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" लोकोक्ति प्रसिद्ध है।
== '''कुछ प्रसिद्ध कवि''' ==
महादेवी वर्मा
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