"हृदय की दर": अवतरणों में अंतर
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== जोखम कारक के रूप में हृदय की धड़कन की दर ==
अनेकों प्रयोगों से यह संकेत मिला है कि अधिक तेज विश्रामीय धड़कन उष्णरक्तीय स्तनपायियों में मृत्युदर, विशेषकर मनुष्यों में हृदय-नलिकीय मृत्युदर के लिये एक नए जोखम कारक के रूप में उभरी है. तेज धड़कन के साथ, हृदय पर अधिक यांत्रिक दबाव के अलावा, शोथ अणुओं का अधिक उत्पादन और हृदयनलिका तंत्र में प्रतिक्रियात्मक आक्सीजन जाति का अधिक उत्पादन हो सकता है. बढ़ी हुई विश्रामीय धड़कन और हृदयनलिकीय जोखम में परस्पर संबंध होता है. यह समझना चाहिये कि इसे दिल की धड़कनों के आबंटन के प्रयोग के रूप में नहीं, बल्कि बढ़ी हुई दर से तंत्र के लिये बढ़े हुए जोखम के रूप में देखा जाता है.<ref>[
हृदयनलिकीय रोग से ग्रस्त रोगियों के एक आस्ट्रेलियन अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में दर्शाया गया है कि हृदय की धड़कन की दर हृदयाघात के जोखम की एक विशेष संकेतक है. लैंसेट में प्रकाशित इस अध्ययन में 33 देशों में 11,000 ऐसे लोगों का अध्ययन किया गया जिनका हृदय की समस्याओं के लिये इलाज किया जा रहा था. जिन रोगियों की धड़कन की दर 70 प्रति मिनट से अधिक थी, उनमें हृदयाघात, अस्पताल में दाखिले और शल्यचिकित्सा की आवश्यकता अधिक पाई गई. सिडनी विश्वविद्यालय में हृदयरोगविज्ञान के प्रोफेसर व सिडनी के कानकार्ड अस्पताल के बेन फ्रीडमैन ने कहा, यदि आपके हृदय की धड़कन तेज है, तो हृदयाघात होने की संभावना अधिक है और अघातक या घातक हृदयाघातों के लिये अस्पताल में भर्ती की संख्या में 46 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है.<ref>[http://www.smh.com.au/news/national/heartbeat-an-indicator-of-disease-risk-study/2008/08/31/1220121048825.html "दिल की धड़कन रोग के जोखम का एक संकेतक: अध्ययन"] 1 सितम्बर 2008</ref>
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