"केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड": अवतरणों में अंतर

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'''केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड''' या भारतीय सेंसर बोर्ड [[भारत]] में [[फ़िल्म|फिल्मों]], [[टेलिविज़न और रेडियो धारावाहिक|टीवी धारावाहिकों]], [[टेलिविज़न विज्ञापन|टीवी विज्ञापनों]] और विभिन्न दृश्य सामग्री की समीक्षा करने संबंधी विनियामक निकाय है।<ref>{{cite web|url=https://www.jansatta.com/national/why-censor-board-must-stick-only-to-certification/104723/|title=जानिए, कैसे काम करता है सेंसर बोर्ड और क्या है फिल्मों को सर्टिफिकेट देने की पूरी प्रक्रिया|access-date=24 अप्रैल 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180424135919/https://www.jansatta.com/national/why-censor-board-must-stick-only-to-certification/104723/|archive-date=24 अप्रैल 2018|url-status=livedead}}</ref> यह [[भारत सरकार]] के [[सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार|सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय]] के अधीन है। इसे उपरोक्त वर्णित सभी को विभिन्न श्रेणी प्रदान करने का और स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार है।
 
''' केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड''' की स्थापना सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत की गई है। पूर्व में सेंसर बोर्ड के नाम से प्रसिद्ध यह संगठन भारत में प्रदर्शित होने वाली विभिन्न श्रेणी की फिल्मों के लिए प्रमाण पत्र जारी करता है। बोर्ड की अनुमति के बिना भारत में कोई भी देसी अथवा विदेशी फिल्मों का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। इस बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त 25 अन्य गैर सरकारी सदस्य होते हैं। बोर्ड का मुख्यालय मुंबई में है। इसके 9 क्षेत्रीय कार्यालय बंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, कटक, गुवाहाटी, हैदराबाद, मुंबई, नई दिल्ली और तिरुवंतपुरम में है। बोर्ड सामान्य सार्वजनिक फिल्मों के लिए U, वयस्क फिल्मों के लिए A, अभिभावकों की उपस्थिति में किशोरों सहित सबके देखने योग्य फिल्म के लिए U/A, तथा विशेषता वाली फिल्मों जैसे चिकित्सा, स्वास्थ्य आदि पर बनी फिल्मों के लिए S प्रमाण पत्र जारी करता है।